गुजरात: 5 साल में भ्रष्टाचार की 40,000 से ज्यादा शिकायतें, 800 कर्मचारियों पर कार्रवाई हुई
गांधीनगर। गुजरात में भ्रष्टाचार का जिन्न पनपता जा रहा है। खुद सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों से यह बात स्पष्ठ होती है। जबकि, सरकार का कहना रहा है कि राज्य में भ्रष्टाचारियों पर सख्त कार्रवाई हो रही है, इसलिए ऐसे मामले एक्सपोज हो जाते हैं। गुजरात विजीलेंस कमीशन की रिपोर्ट के मुताबिक, बीते 5 सालों में भ्रष्टाचार से जुड़ी 40,000 से ज्यादा शिकायतें दर्ज हुईं। इन मामलों में 800 कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। इस रिपोर्ट को खुद राज्य के गृह मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा द्वारा पेश किया गया।
गुजरात में एक दिन में भ्रष्टाचार की 21 शिकायतें
अगर इन शिकायतों को साल के कुल दिनों के हिसाब से देखा जाए तो पांच साल के 1824 दिनों में प्रत्येक दिन 21 शिकायतें दर्ज हुईं। यानी, हर दिन भ्रष्टाचार से जुड़ी दो दर्जन शिकायतें। इस पर सरकार का यह भी कहना है कि जो शिकायतें सामने आती हैं, सरकार उन अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करती है। जबकि, सरकार के कई विभागों में लगातार मामले सामने आ रहे हैं।
पांच साल में भ्रष्टाचार की 40660 शिकायतें मिलीं
गुजरात विधानसभा में विजीलंस कमीशन पर गैर-सरकारी बिल पर एक चर्चा के दौरान प्रदीप सिंह जडेजा ने कहा कि राज्य सतर्कता आयोग को पांच साल के भीतर भ्रष्टाचार की 40660 शिकायतें मिली हैं। इन शिकायतों के आधार पर, सरकार ने 2013 में अपराधियों के खिलाफ 1006, 2014 में 722, 2015 में 511, 2016 में 489 और 2017 में 412 मामलों में कार्रवाई करने की सिफारिश की है।
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भ्रष्टाचार के मामलों की जांच की दर 34 प्रतिशत
उन्होंने कहा कि सतर्कता आयोग द्वारा की गई सिफारिशों के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में 796 कर्मचारियों और अधिकारियों को विभिन्न प्रकार की सजा के आदेश दिए गए हैं। सतर्कता आयोग द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर, भ्रष्टाचार के मामलों की जांच की दर 25 प्रतिशत से बढ़कर 34 प्रतिशत हो गई है।
जडेजा ने कहा कि पिछले चार साल में भ्रष्टाचार में लिप्त अभियुक्तों की संख्या 371 थी, जो 2018 में 729 हो चुकी है। यानी भ्रष्टाचार के अपराधियों में सामने जांच करने की दर 96 प्रतिशत हो गई है।