10 सरकारी बैंकों के विलय से गुजरात में बंद होंगी 300 ब्रांच, 3 हजार से ज्यादा नौकरियों पर खतरा
गांधीनगर। देश में दस राष्ट्रीयकृत बैंकों के विलय की घोषणा किए जाने की वजह से 3 लाख से ज्यादा कर्मचारियों पर असर होने की आशंका है। अकेले गुजरात में लगभग 300 शाखाएं बंद होंगी। इन बैंक शाखाओं में काम करने वाले हजारों कर्मचारियों की नौकरी पर भी खतरा है। बैंक यूनियन का कहना है कि कुछ महीनों पहले स्टेट बैंक में 5 बैंकों का विलय हुआ, तब भी काफी लोगों की नौकरी चली गई थी। इस बार तो यह संख्या बहुत ज्यादा हो सकती है। बता दें कि, केंद्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों के विलय का फैसला लिया है। इन सभी 10 बैंकों में 30,87,02 कर्मचारी काम कर रहे हैं। इस विलय के बाद इन कर्मचारियों पर भी असर पड़ना तय है।
देश में 10 बैंकों में 30,87,02 कर्मचारी, नौकरी खोने का डर
हालांकि, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि बैंकों के विलय से किसी कर्मचारी की नौकरी को कोई खतरा नहीं होगा। मगर, कोई ठोस आश्वासन सरकार ने नहीं दिया। पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के समय में भी काफी बैंककर्मियों ने नौकरी से हाथ धो दिया था।
एसबीआई के साथ विलय से 6,350 नौकरियां जा चुकीं हैं
महागुजरात बैंक इम्प्लॉइज एसोसिएशन (MGBEA) के महासचिव जनक रावल का कहना है कि पिछले महीनों में एसबीआई के साथ सहयोगी बैंकों के विलय के कारण देशभर में 6,350 नौकरियां गई थीं। लगभग छह महीने में बैंक ऑफ बड़ौदा और देना बैंक में नौकरी का नुकसान शुरू हो जाएगा। अतिरिक्त बैंकों के विलय के दौरान सरकार को भरोसा देना होगा कि इस बार किसी कर्मचारी को नौकरी का नुकसान नहीं होगा।
सरकार ध्यान भटकाने ने लिए तो ये सब नहीं कर रही?
जनक रावल ने यह भी कहा कि भारत सरकार बैंकों के विलय के मुद्दे का इस्तेमाल एक स्मोक स्क्रीन के रूप में कर रही है, ताकि देश की आर्थिक मंदी से देशवासियों का ध्यान भटके और साथ ही बैंकों के सामने आने वाले बुरे ऋणों के मुद्दे को दूर किया जा सके। जैसा कि बताया जा रहा है कि अकेले गुजरात राज्य में करीब 300 बैंक शाखायें बंद होंगी। ऐसी स्थिति में 3,000 से अधिक नौकरियां जा सकती हैं।
गंभीर आर्थिक मंदी का सामना कर रहा देश
देश गंभीर आर्थिक मंदी का सामना कर रहा है। बैंकों, जिनकी कमान में विशाल संसाधन हैं, वह अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए निर्णायक भूमिका निभा सकती हैं। पिछले हफ्ते ही, वित्त मंत्री ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को महत्वपूर्ण नौकरियां देने के लिए एक प्रोत्साहन दिया था।
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