गुजरात में IPS और IAS ने आदिवासी बेटियों के लिए किया ऐसा काम, आप भी देंगे इनकी मिसाल
Gujarat News, गांधीनगर। गुजरात में एक आईपीएस और आईएएस अधिकारी ने ऐसा काम किया है, जो अन्य अधिकारियों के लिए किसी मिसाल से कम नहीं है। इन अधिकारियों ने सरकारी नौकरी करते करते खुद आदिवासियों की बेटियों को पढ़ाने का जिम्मा उठाया है। इन दो अधिकारियों की वजह से यहां लड़कियों को श्रम के स्थान पर स्कूल मिला है।
आदिवासियों
की
बेटियों
को
गोद
लिया,
पढ़ाई
का
खर्च
उठाया
आईपीएस
अधिकारी
अशोक
कुमार
यादव
ने
बनासकांठा
के
आदिवासी
इलाकों
की
गरीब
लड़कियों
को
पढ़ाने
और
उन्हें
गोद
लेकर
शिक्षा
का
पूरा
खर्च
उठाया
है।
अशोक
कुमार
हर
साल
अपना
जन्मदिन
बनासकांठा
के
आदिवासी
बच्चों
के
साथ
मनाते
हैं।
इस
साल,
उन्होंने
पुलवामा
में
आतंकवादी
हमलों
के
कारण
जन्मदिन
नहीं
मनाया,
बल्कि
देश
के
वीर
शहीदों
को
नमन
किया।
जब अशोक कुमार यादव बनासकांठा में एसपी थे, तब उन्होंने अमीरगढ़ की 25 लड़कियों को गोद लिया था। इस अधिकारी का काम देखने के बाद, बनासकांठा के तत्कालीन कलेक्टर और आईएएस अधिकारी दिलीप राणा ने उसी क्षेत्र की 25 और लड़कियों को गोद लिया था। उसके बाद कई स्वयंसेवी संस्थाएं आगे आईं और अमीरगढ़ के वीरमपुर क्षेत्र की 100 लड़कियों को गोद लेकर उनका खर्च उठाया।
इन दोनों अधिकारियों ने अपने वेतन से पैसे बचाकर आदिवासी गरीब लड़कियों को पढ़ाने की व्यवस्था की है। इनके द्वारा कहा जाता है कि लड़कियों को पढ़ाने जैसा कोई पुण्य नहीं है। जब गरीब परिवार का पिता अपनी बेटी को स्कूल की जगह मजदूरी के लिये भेजता है, तब इन दोनों अधिकारियों ने बेटी पढ़ाओ की ज्वाला को स्थापित किया है। इन दोनों अफसरों की ख्वाइश है कि ये बच्चियां पढ़कर सरकार में भागीदार बनें।