जीएसटी से गुजरात सरकार को हुआ सालाना 4 हजार करोड़ से ज्यादा का घाटा, खूब पकड़े गए घोटाले
गांधीनगर। जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) लागू होने के बाद मूल्य वर्धित कर व्यवस्था के तहत गुजरात के राजस्व में 4,000 रुपये की कमी आई है। राजस्व कम मिलने का बड़ा कारण रहा 10 हजार करोड़ के फेक टैक्स क्रेडिट से हुआ नुकसान। 10 हजार करोड़ के घोटाले में सरकार को 900 करोड़ का नुकसान हुआ है। हाल ही एसजीएसटी (राज्य वस्तु एवं सेवाकर) विभाग ने फेक बिलिंग का बड़ा स्कैम पकड़ा है, जिसमें 6,030 करोड़ रुपये के फर्जी चालान तैयार किए गए थे और उन पर 910 करोड़ रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा किया गया था।
वार्षिक राजस्व में 4-5 हजार करोड़ रुपये कम मिल रहे
एक एक्सपर्ट के मुताबिक, राज्य सरकार को जीएसटी में राजस्व कम आने का सबसे बड़ा कारण ये रहा है कि जीएसटी एक खपत आधारित कर है, जबकि गुजरात एक विनिर्माण-भारी राज्य है। जीएसटी रोलआउट के बाद गुजरात ने अपने राजस्व खो दिया है। आज गुजरात को मूल्य वर्धित कर (वैट) व्यवस्था के तहत वार्षिक राजस्व में 4,000-5,000 करोड़ रुपये कम मिल रहे हैं।
वित्त मंत्री नितिन पटेल ने किया यह ख़ुलासा
जीएसटी परिषद का कहना है कि राज्य को घाटे के लिए केंद्र सरकार से 14% की वृद्धि के साथ मुआवजा मिलेगा। यह जीएसटी के पांच साल बाद तक जारी रखना है। अहमदाबाद में आयोजित जीएसटी के दो वर्षों को चिह्नित करने के लिए एक समारोह में मुख्य भाषण देते राज्य के वित्त मंत्री नितिन पटेल ने यह ख़ुलासा किया।
दो वित्तीय वर्षों में 9,836 करोड़ का संचयी मुआवजा मिला
इधर, राज्य वाणिज्यिक कर विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि राज्य सरकार ने पिछले दो वित्तीय वर्ष में 9,836 करोड़ रुपये का संचयी मुआवजा प्राप्त किया। राज्य के मुख्यसचिव जेएन सिंघ ने कहा कि, जीएसटी एक गंतव्य-केंद्रित कर है, जबकि गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे राज्य बड़े पैमाने पर औद्योगिक राज्य हैं और देश के अन्य हिस्सों में माल की आपूर्ति कर रहे हैं। इसलिए, राज्य राजस्व खो देता है।
ये हिसाब लगा पाना मुश्किल
हालांकि, गुजरात ने क्या खोया है और देश ने क्या प्राप्त किया है, इसका हिसाब नहीं लगाया जा सकता है। क्योंकि, गुजरात ने एकीकृत राष्ट्रीय बाजार और एक आम कर दर के रूप में जीएसटी प्राप्त किया है। सूत्रों ने कहा कि औद्योगिक राज्य होने के कारण कम राजस्व के अलावा, करों की महत्वपूर्ण चोरी के कारण राज्य का राजस्व भी घट रहा है।
7 मामलों में 354 करोड़ के फेक टैक्स क्रेडिट दावे और रिफंड किए
एसजीएसटी विभाग के आंकड़ों के अनुसार, जीएसटी रोलआउट के बाद राज्य में रिपोर्ट किए गए फर्जी बिलिंग घोटालों के कुछ सात मामलों में 354 करोड़ रुपये के झूठे कर क्रेडिट दावे और रिफंड किए गए थे। जिसकी कुल लागत 10,000 करोड़ तक जाती है। अधिकारियों ने कहा कि वे अब टैक्स अनुपालन में सुधार पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।