जल जनित रोगों में गुजरात देश के सबसे बीमारू राज्यों में 11वां, यहां हैजा-डायरिया का तांडव ज्यादा
गांधीनगर। बिजनेस और विकास के मॉडल के लिहाज से देश में अव्वल माना जाने वाला गुजरात सबसे बीमारू राज्यों में से एक है। स्वास्थ्य मापदंडों में राज्य की स्थिति अच्छी नहीं पाई गई है। हाल ही जारी आंकड़ों के मुताबिक, जलजनित रोगों में वाले राज्यों में गुजरात 11वें नंबर पर है। यहां हैजा, डायरिया और हेपेटाइटिस जैसे रोग पनप रहे हैं। वायरल हेपेटाइटिस रोग से पश्चिम बंगाल, गुजरात, बिहार, मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश ज्यादा प्रभावित हैं। जबकि, अन्य राज्यों के मुकाबले बेहतर स्वास्थ्य तंत्र होने के बावजूद गुजरात भी स्वास्थ्य सेवाओं में निचले स्तर पर रखा गया है।
हैजा के मामलों में गुजरात चौथे स्थान पर
एंटेरिक बुखार या टाइफाइड एकमात्र जल जनित बीमारी है, जहाँ गुजरात में बीमारू राज्यों की तुलना में कम मामले थे। आंकड़ों के अनुसार, हैजा के मामलों में गुजरात चौथे स्थान पर है। जब कि, डायरिया के मामलों में छठे स्थान पर, हेपेटाइटिस में नौवां और टाइफाइड में 10वां स्थान है। जल जनित बीमारियां गुजरात में पिछले चार साल में बढ़ी है।
प्लास्टिक-पाइप से बढ़ रहा प्रदूषण
पिछले दो वर्ष के मुकाबले हेपेटाइटिस 105%, टाइफाइड 23%, हैजा 20-20% और दस्त 14% तक बढ़ गया है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ, गांधीनगर (IIPH-G) के महामारीविद प्रोफेसर दीपक सक्सेना ने कहा कि गुजरात में जलजनित बीमारियों के कई कारक हैं। अक्सर, पानी की आपूर्ति के लिए उपयोग किए जाने वाले प्लास्टिक पाइप राज्य में अत्यधिक गर्मी के कारण क्षतिग्रस्त हो जाते हैं जो प्रदूषण की संभावना को बढ़ाते हैं। सबसे ज्यादा मरीज अहमदाबाद जैसे भीड़भाड़ वाले शहरों में पाए गए हैं।
इसलिए पनप रहीं हैं ज्यादा बीमारी
उन्होंने कहा कि, हमारे अध्ययनों से पता चला है कि क्लोरीनीकरण और पानी की गुणवत्ता स्रोतों में काफी हद तक अच्छी थी, लेकिन पीने के बर्तन तक पहुंचने तक खराब हो रही है। हाथ न धोने जैसे सरल कारक बीमारी को काफी बढ़ा रहे हैं। राज्य में खुले पदार्थो की वजह से भी बीमारी फैलती है। गोलगप्पे जैसे खुमचे वाले दूषित पानी का उपयोग करते हैं, उनकी वजह से बीमारी ज्यादा फैल रही है।