गुजरात: मंदी से दुनिया की सबसे बड़ी डायमंड इंडस्ट्री की टूटी कमर, 1 लाख लोग बेरोजगार हुए
गांधीनगर। नोटबंदी फिर जीएसटी और उसके बाद आई आर्थिक मंदी से गुजरात में हजारों लोग बेरोजगार हो चुके हैं। यहां दुनिया की सबसे बड़ी डायमंड इंडस्ट्री भी ठप होती चली गई। हीरों के कारोबार में 40 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। साथ ही राज्यभर में काम कर रहे 25 लाख पोलिशरों में से एक लाख से ज्यादा लोगों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी। करीब 50 हजार श्रमिकों को अपना पूरा वेतन नहीं मिलता है। श्रमिकों की यूनियन ने इस संकट के लिए आर्थिक मंदी को मुख्य कारण बताया है। सूरत डायमंड इंडस्ट्री सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है।
गुजरात में हीरे के 25 लाख से ज्यादा पोलिशर्स
सूरत डायमंड वर्कर्स एसोसिएशन के अनुसार, गुजरात में 25 लाख से ज्यादा पोलिशर्स हैं। नोटबंदी औऱ जीएसटी के चलते पहले ही 66 हजार से ज्यादा लोग बेरोजगार हो गए थे। केंद्र सरकार के उन दो बड़े फैंसलों के चलते डायमंड इंडस्ट्री बुरी तरह प्रभावित हुई, क्योंकि इंडस्ट्री के आॅनर्स ने कर्मचारियों को यही कारण गिनाया। बाद में इसी साल पनपी मंदी ने हीरे के कारोबार में कई कंपनियों को बंद करा दिया।
80% हीरे के पोलिश्ड पत्थर सूरत से जाते हैं
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि विश्व के देशों में 80 प्रतिशत हीरे के पोलिश्ड पत्थर सिर्फ सूरत (गुजरात) से जाते हैं। मगर, वैश्विक मंदी के कारण अब यहां हीरे की कटिंग औऱ पोलिशिंग के केंद्र बंद होते जा रहे हैं।
भारत वैश्विक हीरे का 90% पॉलिश करता है
भारत प्रतिवर्ष उत्पादित होने वाले वैश्विक हीरे का करीब 90% पॉलिश करता है। हालांकि, घरेलू और वैश्विक मांग में तेज गिरावट से जुलाई-सितंबर तिमाही में भारत के आयात में 19% की गिरावट देखी गई है।
10 से अधिक कारीगरों ने आत्महत्या कर ली
गुजरात डायमंड वर्कर्स यूनियन का कहना है बिना नोटिस और उचित वेतन भुगतान के बिना, 10 से अधिक कारीगरों ने पिछले साल अपनी नौकरी गंवाने के बाद आत्महत्या कर ली।
अधूरे वेतन की मांग करते हुए भटक रहे कर्मचारी
संवाददाता के अनुसार, सूरत जिले में हीरे उद्योग और सिरेमिक उद्योग से ही ज्यादातर लोग जुड़े थे, किंतु इन दोनों क्षेत्रों में अब तक काफी छंटनी हुई है। कई कंपनियां बंद भी हो चुकी हैं और कर्मचारी अपने अधूरे वेतन की मांग करते हुए भटक रहे हैं।
भारतीय हीरा निर्यात 18.87 प्रतिशत कम हुआ
रत्न और आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (GJEPC) के अनुसार, हांगकांग में ऑन-गोइंग विरोध प्रदर्शन और जनवरी 2018 से मूल्य वर्धित कर (वैट) के लागू होने के बाद रत्न और आभूषण निर्यात पर भी असर पड़ा है। इसके साथ ही पॉलिश हीरे का भारतीय निर्यात जुलाई-सितंबर तिमाही में 18.87 प्रतिशत कम हुआ।
घटकर 70,000 रह गया श्रमिकों का आंकड़ा
अहमदाबाद डायमंड मार्केट जिसे बापूनगर में 1989 में स्थापित किया गया था, अपने काम के दौरान, 2 लाख श्रमिकों को नियुक्त करता था। वर्तमान में यह आंकड़ा घटकर 70,000 रह गया है। मार्केट के एक व्यापारी का कहना है कि, पहले नोटबंदी और फिर जीएसटी का कार्यान्वयन हीरे उद्योग पर भारी पड़ा है।
3-8 घंटे ही काम कर पा रहीं इकाइयां
सूरत और अहमदाबाद में डायमंड पॉलिशिंग इकाइयों ने 12 घंटे काम किया था, लेकिन आज जो भी इकाइयां हैं, वे अभी भी केवल 3-8 घंटे ही काम कर रही हैं। कम काम के कारण हीरे के पालिश करने वालों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है या तनख्वाह कम मिली है।
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इसलिए भी हो रहा इकाइयों को नुकसान
संवाददाता ने यह भी बताया कि थोक व्यापारी पॉलिश किए हुए हीरे नहीं खरीद रहे हैं और इसलिए हीरे की छोटी पॉलिशिंग इकाइयाँ निष्क्रिय हो रही हैं या भारी नुकसान उठा रही हैं।