मिलिए, ये हैं गुजरात की निशिता राजपूत, अब पढ़ाएंगी 10,000 बेटियों को, 8 साल से कर रहीं नेकी
Gujarat News in Hindi, गांधीनगर। गुजरात में राजपूत समाज की एक बेटी ने 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' अभियान को खासा प्रोत्साहित किया है। यहां वडोदरा की रहने वाली 26 वर्षीय निशिता राजपूत पिछले आठ सालों से कमजोर तबके की अथवा किसी अन्य वजह से शिक्षा से वंचित रही लड़कियों को पढ़ा रही हैं। अपने पिता गुलाब राजपूत के नक्शे-कदम पर चलते हुए उन्होंने खुद के खर्चे पर अब तक करीब 23 हजार लड़कियों को पढ़ाया। वह बताती हैं कि उन्होंने सबसे पहले 151 लड़कियों की फीस का भुगतान किया था, धीरे-धीरे ये संख्या बहुत बढ़ गई। इस साल आर्थिक रूप से कमजोर 10,000 लड़कियों की पढ़ाई कराने का जिम्मा उठाया है।
10 हजार लड़कियों के पढ़ाई खर्च का इंतजाम करने में जुटीं निशिता
निशिता का कहना है कि वर्तमान समय में शिक्षा-खर्च ज्यादा होने की वजह से दूर-दराज की लड़कियां पढ़ नहीं पातीं। उनके मां-बाप को उच्चस्तरिय शिक्षा का खर्च सहा नहीं जाता। कुछ परिवारों में लडकियों की इच्छा होती है, लेकिन परिवार की स्थिति को देखते वह शिक्षा प्राप्त नहीं कर पातीं। बिना फीस के लड़कियां पढ़ाई से वंचित न हों इसके लिये मैं ज्यादा से ज्यादा फीस भर रही हूं। इस साल में 10 हजार लड़कियों के लिए एक करोड़ के खर्च का इंतजाम करा रही हूं।''
8 सालों में 23,000 लड़कियों की पढ़ाई कराई
पिछले आठ सालों में निशिता ने 23,000 लड़कियों की पढ़ाई कराई, उनके लिए 2.25 करोड़ रुपए खर्च किए। इस बार निशिता को अमेरिका के विभिन्न गुजराती संगठनों द्वारा शिक्षा के लिये सहायता मिली है। निशिता ने जब बेटी पढाओ अभियान शुरू किया था, तब 151 लड़कियों की शिक्षा के लिये उसने 69,000 रुपये का खर्च किया था। इस साल वह एक करोड़ से ज्यादा खर्च करने वाली है।'
कई संस्थाएं और हस्तियां सहयोग को आगे आईं
लड़कियों की पढ़ाई कराने के निशिता के लक्ष्य को पूरा करवाने हेतु कई प्रतिष्ठित लोग एवं संस्थाएं आगे आई हैं। कथावाचक मोरारी बापू ने 25000 रुपए अनुदान दिया है। वहीं, अमेरिका के विभिन्न संगठनों ने भी 1.75 करोड़ रुपए की मदद दी है। कई लोगों से निशिता चेक के माध्यम से सहायता प्राप्त कर रही हैं। लड़कियों की फीस भरने के लिये वह चेक को सीधे स्कूल के लिए भिजवा देती हैं।
पिता के नक्शे कदम पर चल रहीं निशिता
निशिता के बारे में ऐसा कहा जाता है कि वह अपने पिता गुलाब राजपूत के सिद्धांतों पर चल रही है। गुलाब राजपूत ने भी अपने जीवन में गरीब परिवारों की मदद की, लिहाजा बेटी भी उसके रास्ते चल रही है।