नर्मदा से पानी नहीं, गुजरात में नमक मिल रहा, समुद्री जल ने इस तरह बहाव क्षेत्रों में फ्लोराइड बढ़ाया
Gujarat News, गांधीनगर। गुजरात में बहने वाली नर्मदा नदी पूरे राज्य को पानी देती है, मगर अब इसमें पानी नहीं बह रहा है। सूबे के जलाशयों का पानी नहरों में सिंचाई करवाने के लिए छोड़ा जाता है, मगर नर्मदा में पानी कमी जलाशयों से पूरी नहीं की जा सकती। इस वजह से पानी के अभाव में अब नर्मदा की सतह का जल नमक में बदल रहा है। बीते पांच साल से सरदार सरोवर जलाशय से इस नदी में पानी नहीं छोड़ा गया, इसलिए नदी सूखी दिखाई देती है। नदी के आसपास के इलाकों में खेत में पानी नहीं मिल रहा है। भरूच के पास बह रही नर्मदा नदी समुद्र की तरह खारी हो गई है।
नर्मदा नदी में समुद्र का जल आने के वजह से नदी के पट में नमक बढ़ गया है। कच्छ में सफेद रेगिस्तान है, वैसी ही हालत इन दिनों नर्मदा नदी की हो रही है। सरदार सरोवर जलाशय से प्रतिदिन 600 क्यूसेक पानी छोड़ा जाता है, लेकिन गर्मी के कारण पानी वाष्पीकृत होकर उड़ जाता है। दूसरी ओर समुद्र का पानी नर्मदा नदी में वापस आ रहा है। भरूच के पास नर्मदा नदी का पट्ट सूख गया है। कबीरवड जो प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है वहां पानी नहीं है। नदी में नावों को चलाने के लिए भी पानी नहीं है। गुजरात सरकार को बार-बार शिकायत करने के बावजूद नर्मदा नदी में समुद्र का पानी प्रवेश करता है। यदि इसे रोका नहीं गया, तो इस क्षेत्र के किसान बरबाद हो जायेंगे। भूमिगत जल में फ्लोराइड का स्तर भी बढ़ रहा है।'
गुजरात सरकार ने नर्मदा में आने वाले समुद्र के पानी को वापस भेजने की कोई व्यवस्था नहीं की है, इसलिए किसानो के अलावा दहेज के उद्योगों को बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। समुद्र का पानी अघरेश्वर तक पहुंच गया है। इस पानी को दहेज के उद्योगों उपयोग नहीं कर सकते, क्योंकि मशीनरी क्षतिग्रस्त हो जाती है। समुद्र में भरती के समय नर्मदा नदी में आने वाले पानी में फ्लोराइड की मात्रा 2000 पीपीएम तक बढ़ जाती है। इस पानी को खेतों और उद्योगों के लिये उपयोग में नहीं लिया जा सकता है।