'महा' तूफान थमा, अब समुद्र से देश पर मंडराया दूसरा खतरा, एक के बाद एक तीन चक्रवात..
गांधीनगर। अरब सागर में उठा चक्रवाती तूफान 'महा' 6-7 नवंबर की रात कमजोर पड़ गया। मौसम विभाग ने उम्मीद जताई कि यह तूफान गुजरात के तट से नहीं टकराएगा। अब यह दीव तट से 40 किमी की दूरी पर ही गुरुवार दोपहर तक तूफान का स्वरूप खो देगा। महा तो थमने लगा, हालांकि, इसी बीच देश पर तीसरे चक्रवाती तूफान का खतरा मंडराने लगा है। यह तूफान है बंगाल की खाड़ी में पनपा चक्रवात 'बुलबुल'। मौसम विभाग की मानें, ताे 'बुलबुल' का असर ओडिशा, बंगाल और झारखंड के कई हिस्साें में देखने काे मिलेगा।
पहली बार ऐसा, जब एक के बाद एक तीन तूफान आए
भारतीय मौसम वैज्ञानिकों का कहना है ऐसा पहली बार हुआ है, जब एक के बाद एक लगातार तीन तूफान पनपे हों। 'महा' से पांच दिन पहले ही चक्रवाती तूफान 'क्यार' खत्म हुआ था। अब 'महा' खत्म होने लगा है तो समुद्र में ‘बुलबुल' उठ खड़ा हुआ है। मौसम वैज्ञानिक एके शुक्ला के मुताबिक, ‘बुलबुल' पिछले 11 महीने में 7वां तूफान है। उन्होंने कहा कि 129 साल में ऐसा तीसरी बार है, जब एक दशक में 99 तूफान प्रकट हुए हैं।
अभी क्या है ‘बुलबुल' की स्थिति
अगर खाड़ी में पनपा चक्रवात यदि तूफान का रूप लेता है ताे यह तबाही मचा सकता है। हालांकि, अभी यह पश्चिम बंगाल के सागर द्वीप से 930 किलोमीटर, ओडिशा के पाराद्वीप से 820 किलोमीटर और अंडमान के माया बंदर से 370 किलोमीटर दूर है। मौसम विभाग का मानना है कि सतर्कता बरतना जरूरी है। जिसके चलते ओडिशा के 14 जिलों में अलर्ट जारी किया गया है। मछुआरों को भी 7 नवंबर की शाम तक वापस लौटने की चेतावनी दी गई है।
'महा' के साथ बारिश की संभावना
वहीं, वैज्ञानिकों ने यह भी आशंका जताई कि यदि महा कमजोर नहीं पड़ा तो उसका असर गुजरात के साथ-साथ मध्यप्रदेश के कुछ शहरों पर भी पड़ सकता है। भोपाल में बूंदाबांदी समेत उज्जैन, इंदौर, होशंगाबाद, मालवा-निमाड़ इलाका, संभाग और सीहोर, श्योपुरकलां, मुरैना जिलों में बारिश आने की भी संभावना है। गुरुवार को यह सौराष्ट्र तट के आसपास के इलाके को घेर भी सकता है।
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