किसानों के खेतों को नहीं मिल रहा पानी, गुजरात सरकार रेल-नीर कंपनी को भेज रही है रोज
Gujarat News, गांधीनगर। गुजरात के ज्यादातर हिस्सों में किसानों के खेतों को पानी नहीं मिल पा रहा है। नर्मदा का पानी भी सरकार रेल-नीर कंपनी को देने लगी है। इस वजह से किसानों में नाराजगी बढ़ रही है। अहमदाबाद के नजदीक साणंद जीआइडीसी में सरकार नर्मदा का 7 करोड़ लीटर पानी हर रोज देती है। साथ ही रेल-नीर कंपनी के लिये भी 3.50 करोड़ लीटर पानी आए रोज भेजा जा रहा है। वहीं, फसलों में पानी की आपूर्ति नहीं होने के चलते किसान बेहाल हैं।
रोज एक लाख बोतल पानी बनाकर स्टेशनों पर सप्लाई कर रही रेल-नीर
साणंद के प्रोजेक्ट में रेलवे मंत्रालय की कंपनी रेल-नीर हर रोज एक लाख बोतल पानी बनाती है जो राज्य के 20 रेलवे स्टेशनों पर उपलब्ध कराती है। सरकार ने नर्मदा कैनाल से रेल-नीर को पानी देना शुरू कर दिया है। इस प्रोजेक्ट में हर दिन एक लाख लीटर पानी का उपयोग होता है। नर्मदा प्राधिकरण ने सालाना 3.50 करोड लीटर पानी देने का करार किया है।
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'लोगों के पास पीने को पानी नहीं और सरकार कंपनी को भिजवा रही है'
साणंद क्षेत्र के किसान नायक सागर देसाई कहते हैं कि, साणंद के पास पीने के लिये पानी नहीं है, फिर भी सरकार ने रेल-नीर कंपनी को पानी दे रखा है। हमारे किसानों के खेत में पानी नहीं है। लोगों को पीने का पानी नहीं मिल रहा है। सरकार ने गर्मी की मौसम में कंपनियों को पानी देना बंद कर देना चाहिये। नर्मदा प्राधिकारण के अधिकारी का कहना है कि, गुजरात के 20 रेलवे स्टेशनों पर रेल-नीर बोटल भेजी जाती हैं। अगर कंपनी को पानी देने के लिये मना करते हैं तो रेलवे स्टेशनों पर पानी नहीं मिलेगा। रेलवे मंत्रालय ने रेल-नीर के अलावा बिसलेरी पानी की सभी कंपनियों पर रोक लगा दी है।
इन स्टेशनों को पानी की बोतलें वितरित की जा रही हैं
इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) द्वारा अहमदाबाद के पास साणंद में रेल-नीर प्लांट से इन स्टेशनों को पानी की बोतलें वितरित की जा रही है, जिसमें अहमदाबाद, पालनपुर, विरमगाम, गांधीनगर, मणिनगर, साबरमती, सुरेंद्रनगर, नडियाड, गांधीधाम, मेहसाणा, राजकोट, भावनगर, जामनगर, द्वारका, ओखा, आनंद, गोधरा, भरूच, अंकलेश्वर, दाहोद, आबूरोड, उदयपुर शहर शामिल हैं।
ट्रेन दो घंटे से अधिक लेट हो जाती है, तो बोतलें मुफ्त बंटती हैं
रेन-नीर का प्रोजेक्ट गुजरात में 20 और राजस्थान में दो रेलवे स्टेशन पर पानी पहुंचाता है। रेलवे के सभी स्टोर में, अब रेल-नीर की बोतलें रखना अनिवार्य है। यदि कोई दुकान अन्य ब्रांडों से पानी बेचता है, तो उस पर कार्रवाई की जाती है। इस वजह से यात्री रेलवे स्टेशन से दूसरा ब्रांड नहीं खरीद पाएंगे। सानंद में आईआरसीटीसी की ओर से एक नई जल परियोजना शुरू की गई है। अगर ट्रेन दो घंटे से अधिक लेट हो जाती है, तो रेलवे मंत्रालय पानी की बोतलें मुफ्त देता है। बोतलबंद पानी और डिस्पोजेबल ग्लास भी प्रदान किया जाता है।