गुजरात के 35000 सरकारी स्कूलों का होगा अपग्रेडेशन, ब्रिटिश NGO देगा 150 करोड़ की मदद
Gujarat News, गांधीनगर। गुजरात में सरकारी स्कूलों की में शैक्षिणिक गुणवत्ता सुधारने एवं सुविधाएं बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ठोस कदम उठाने जा रही है। इसके तहत स्कूल मान्यता परिषद ग्रेड स्कूलों के अपग्रेडेशन करेगी। एक ब्रिटिश एनजीओ इस काम में सरकार की मदद के लिए तैयार है, उसने 150 करोड़ रुपए की मदद का ऐलान भी किया है। बता दें कि राज्य के करीब 35,000 प्राइमरी स्कूल मूल्यांकन के दायरे में हैं, अपग्रेडेशन इन्हीं का हो सकता है।
अपग्रेडेशन के बाद छात्रों के माता-पिता, छात्रों और अन्य हितधारकों को कई फायदे मिल सकते हैं। स्कूल पसंद करने के लिये करने के लिए विश्वसनीय विकल्प होंगे। बेस्ट स्कूलों की लिस्ट शुरू करने के लिए सरकार राज्य भर में सरकारी स्कूलों की ग्रेडिंग शुरू करेगी और कुछ वर्षों में निजी स्कूलों के लिए ग्रेडिंग प्रणाली का विस्तार करेगी।
यह परिषद शिक्षण-सीखने की प्रक्रिया, मूल्यांकन, प्रशिक्षण, शिक्षण संसाधन, संगठन, शासन, वित्तीय सुविधा और छात्र सेवाओं के आधार पर बेंचमार्क और मूल्यांकन करेगी। शुरुआत में राज्य शिक्षा विभाग सरकार रैंकिंग और ग्रेडिंग स्कूलों के नए मानकों का उपयोग करते हुए, आगामी गुनोत्सव में 35000 प्राथमिक विद्यालयों का मूल्यांकन करेगी।
यह
एनजीओ
मदद
करेगा
मदद
राज्य
सरकार
ने
यूके-एनजीओ
के
साथ
रीच
टू
टीच
नामक
एक
समझौता
ज्ञापन
पर
हस्ताक्षर
किए
हैं,
जो
स्कूलों
की
ग्रेडिंग
में
मदद
करने
और
छात्रों
के
परिणामों
में
सुधार
करने
पर
ध्यान
केंद्रित
करेगी।
यूके
सरकार
के
वैधानिक
कार्यालय
(मानक)
के
अनुसार
अनजीओ
गुजरात
की
स्कूलों
में
मदद
करेगी।
रीच
टू
टीच
एनजीओ
इस
प्रक्रिया
में
150
करोड़
रुपये
का
निवेश
कर
के
राज्य
सरकार
की
मान्यता
परिषद
को
पुनर्जीवित
करने
में
मदद
करेगी।
एनजीओ
वर्तमान
में
मोरबी,
कच्छ
और
भरूच
में
सक्रिय
है।
शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि, हम 2010 में गठित एक निकाय गुजरात काउंसिल फॉर स्कूल एक्रिडिटेशन को पुनर्जीवित करेंगे। हम इस उद्देश्य के लिए यूके स्थित एक एनजीओ के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर रहे हैं और वे हमारे स्कूलों के सीखने के परिणामों में सुधार के लिए रुपये खर्च करेंगी।
शिक्षा सचिव विनोद राव कहते हैं कि, यूके की वैधानिक संस्था के पास सबसे अच्छी मूल्यांकन प्रक्रिया है और हम इसे अपनाने की योजना बना रहे हैं। मूल्यांकन में जो अद्वितीय है वह यह है कि निरीक्षणों में प्राथमिक माध्यमिक और उच्चतर प्राथमिक मानकों के लिए अलग-अलग मूल्यांकन मापदंडों का पालन किया जाता है। राव ने कहा कि, हम वर्तमान में निजी स्कूलों के लिए भी मूल्यांकन प्रणाली की शुरुआत कर रहे हैं।
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