गुजरात में व्यापम जैसा घोटाला होते-होते रह गया; आखिर में सरकारी नौकरी की परीक्षा रद्द हुई, 6 लाख युवाओं को दुबारा देनी होगी
गांधीनगर. गुजरात में मध्य प्रदेश जैसा व्यापम घोटाला होते-होते रह गया। यहां मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने भारी विवाद के बाद गुजरात गौण सेवा चयन बोर्ड द्वारा ली गई गैर-सचिवालय क्लर्क की भर्ती को रद्द कर दिया है। महीनेभर से सरकार कह रही थी कि परीक्षा में कोई पेपर लीक नहीं हुआ, लेकिन सरकार के ही विशेष जांच दल (एसआईटी) ने पाया कि पेपर न केवल लीक हुए थे, बल्कि उच्च कीमतों पर बाजार में भी बेचे गए।
सीएम के आदेश पर एसआईटी ने जांच की और घोटाला खुला
राज्य के गृह मंत्री प्रदीपसिंह जडेजा ने जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ने अब परीक्षा रद्द कर दी है, क्योंकि एसआईटी की रिपोर्ट से पता चला है कि, परीक्षा में धांधली हुई। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर दोषी छात्रों को तीन साल के लिए अयोग्य घोषित किया जाएगा। इस संबंध में पुलिस ने चार प्राथमिकी दर्ज की हैं।
दोषियों को अब 3 साल तक अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा
बकौल प्रदीपसिंह जडेजा, ''परीक्षा-कक्ष में एक-दूसरे से बात करने वाले छात्रों को भी तीन साल के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। इसके अलावा, परीक्षा केंद्र व्यवस्थापकों, पर्यवेक्षकों और कक्षा निरीक्षकों पर भी कानून की धारा के अनुसार मुकदमा चलाया जाएगा। पेपर के लीक होने के संबंध में, एटीएस और अहमदाबाद क्राइम ब्रांच जांच करेंगी और दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी। यह परीक्षा एक गैर-सचिवीय क्लर्क और कार्यालय सहायक के लिये आयोजित की गई थी।''
सरकार अब परीक्षा के लिये नई तारीख का ऐलान करेगी
उम्मीदवारों
ने
परीक्षा
में
घपले
की
जांच
कराने
हेतु
एक
जांच
दल
तैयार
करने
की
मांग
की
थी।
जिसके
बाद
मुख्यमंत्री
विजय
रूपाणी
ने
एसआईटी
गठित
कराई
और
10
दिनों
में
रिपोर्ट
पेश
करने
को
कहा।
एसआईटी
की
रिपोर्ट
मुख्यमंत्री
को
भेजी
गई
और
फिर
सामने
आया
कि
परीक्षा
में
वाकई
घपला
हुआ
था।
आखिर
में
मुख्यमंत्री
विजय
रूपाणी,
उपमुख्यमंत्री
नितिन
पटेल,
शिक्षा
मंत्री
भूपेंद्रसिंह
चुडासमा,
गृह
मंत्री
और
मुख्य
सचिव
के
बीच
एसआईटी
की
रिपोर्ट
पर
चर्चा
हुई।
इसके
बाद
कहा
गया
कि
परीक्षा
को
रद्द
किया
जा
रहा
है।
सरकार
अब
परीक्षा
के
लिये
नई
तारीख
का
ऐलान
करेगी।
3173 केंद्रों पर हुई थी परीक्षा, 6 लाख से ज्यादा युवाओं ने दी
गुजरात माध्यमिक सेवा चयन बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षा 3173 केंद्रों पर कराई गई थी। जिसमें 6 लाख से अधिक युवाओं ने परीक्षा दी थीं। परीक्षा के दौरान धांधली होने की शिकायतें मिलने पर मोबाइल और सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराया गया था। एसआईटी को फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में भेजने के बाद, एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि परीक्षा में घपला हुआ था।