गुजरात सरकार ने विधानसभा में माना- नर्मदा पाइपलाइन प्रोजेक्ट में हुआ है 83 करोड़ का घपला
गांधीनगर। गुजरात सरकार ने विधानसभा में स्वीकार किया है कि नर्मदा परियोजना की सुरेंन्द्रनगर की पाइपलाइन के काम के लिए 83.63 करोड़ रुपये के फर्जी बिल सौराष्ट्र में पारित किए गए थे। धोखाधड़ी की खोज के बाद, सरकार ने अनुशासनात्मक कार्रवाई की और नकली बिलों पर किए गए भुगतान के प्रमुख हिस्से को भी बरामद किया है। पिछले दो सालों में यह घोटाला परवान चढ़ा। बहरहाल, 83.63 करोड़ का घोटाला सामने आया है, लेकिन फोरेंसिक आॅडिट पूरा होने के बाद ही यह पता चलेगा कि यह कितना बड़ा घोटाला है। मुख्य आरोपी जो फर्स्ट क्लास इंजीनियर था, उसे सस्पेंड कर दिया गया है। रिश्वत निरोधी दस्ता और सिपाहियों की पड़ताल जारी है।
बापूनगर के कांग्रेसी विधायक हिम्मतसिंह पटेल के सवाल का जवाब देते हुए, सरकार ने स्वीकार किया है कि नर्मदा पाइपलाइन के काम में अनियमितताएं सामने आई हैं। अब तक 83.63 करोड़ रुपये की अनियमितताओं का पता चला है और इसमें शामिल कुल राशि फोरेंसिक ऑडिट पूरी होने के बाद ही स्पष्ट होगी। सरकार ने यह भी कहा कि धोखाधड़ी के लिए जिम्मेदार ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है और उसके पास से 80.92 करोड़ रुपये बरामद किए गए हैं।
बाकी के पैसे वसूलने के लिए प्रक्रिया जारी है। नर्मदा की पाइप लाइन में कहां क्या हुआ है इसका सरकार ने हिसाब भी मांगा है। सरकार ने यह भी कहा कि 10 एजेंसियों और तीन पाइप आपूर्तिकर्ताओं को नर्मदा निगम द्वारा रोक दिया गया है। कुल मिलाकर, 19 अधिकारियों को सेवा से निलंबित कर दिया गया है।
सौराष्ट्र
में
सौनी
योजना
का
काम
जारी
नर्मदा
पाइप
लाइन
से
सौराष्ट्र
के
जलाशयों
को
पानी
से
भरने
के
लिये
पाइपलाइन
का
काम
चल
रहा
है।
राज्य
सरकार
ने
18563.24
करोड
का
खर्च
का
प्रावधान
किया
है।
अब
तब
12978.64
करोड
के
काम
पूर्ण
हो
चूके
है।
इस
इलाके
में
कुल
1371
किलोमीटर
की
पाइपलाइन
का
काम
करना
है,
सरकार
ने
अब
तक
867.91
किलोमीटर
पाइप
लाइन
का
काम
पूर्ण
किया
है।
राज्य
सरकारने
सौराष्ट्र
में
सौनी
(सौराष्ट्र
नर्मदा
अवतरण
इरीगेशन
योजना)
शुरू
की
है।
सुरेंद्रनगर
का
काम
भी
इस
योजना
की
तहत
चल
रहा
है।