सिंघम के रूप में मशहूर हुए अफसर को गुजरात सरकार ने नौकरी से निकाला, वजह ये थी कि..
Gujarat News, गांधीनगर। गुजरात के सिंघम नाम से जाने जाते एक अफसर को राज्य सरकार ने नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। यह वही अफसर हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने कभी भ्रष्टाचार नहीं किया। किसी से काम के लिये किसी से रिश्वत नहीं मांगी और शिकायत मिलने पर तत्काल रेस्पॉन्स करते थे।
यह अफसर हैं चिंतन वैष्णव। वह राजस्व विभाग में अलग-अलग जिलों में तैनात रह चुके हैं। बताया जा रहा है कि उन्हें नौकरी से हटाने के पीछे उनके विभाग में उनसे सीनियर्स की नाराजगी थी। जबकि, चिंतन वैष्णव अपना रवैया बदलने को तैयार नहीं थे।जिसके चलते उच्च अफसरों ने उनके द्वारा किए जा रहे काम के बारे में नकारात्मक रिपोर्ट्स जुटाईं। जिन्हें देखते हुए राज्य के राजस्व विभाग के सचिव आरके जोशी ने चिंतन वैष्णव को हटाने का फैसला कर लिया।
अपने आदेश में आरके जोशी ने लिखा, ''चिंतन वैष्णव की सरकारी सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। उन्होंने दाहोज जिला कलेक्टर को भी लिखा और कहा कि चिंतन की सेवाएं जारी रखना योग्य नहीं हैं। उनकी सेवाएं समाप्त कर दी हैं और बर्खास्त भी कर दिया है।'' अब चिंतन से जुड़े लोगों का कहना है कि गुजरात सरकार ने चिंतन वैष्णव को बर्खास्त करके एक अच्छे अफसर की सेवाएं गवां दी हैं।
चिंतन के करीबी कहते हैं कि कोई भी विधायक या राजनैतिक व्यक्ति उनकी आॅफिस में जाने से डरते थे। मगर, कुछ शिकायतों के बाद सरकार ने उन्हें नौकरी से निकाल दिया। चिंतन वैष्णव ने 2011 में गुजरात पब्लिक सर्विस कमिशन (जीपीएससी) की परीक्षा पास की थी औऱ मामलतार के रूप में वह अपनी ड्युटी कर रहे थे।
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