दुश्मन हद में रहे इसलिए बॉर्डर से सटे गांवों में रोज पसीना बहाती हैं ये बेटियां, ज्वॉइन करेंगी BSF
Gujarat News, गांधीनगर। पाक सीमा पर तनाव व्याप्त है और गुजरात के सरहदी गांवों में प्रखर-प्रहरी वाला जुनून। ऐसा जुनून जो केवल लड़कों में ही नहीं, बल्कि लड़कियों में भी चरम पर है। ये लड़कियां बीएसएफ (BSF) ज्वॉइन करने के लिए जीतोड़ मेहनत कर रही हैं। पाटण के सीमावर्ती गांवों में रूढीवादी अहीर समुदाय की कई लड़कियों ने हाल ही बीएसएफ में जवानों के रूप में शामिल होने के लिए लिखित परीक्षा दी है और अब देश की सेवा करने के लिये विलक्षण उद्देश्य के साथ फिजिकल टेस्ट करवा रही हैं।
इन लड़कियों में 20 साल की रामी अहीर अपने परिवार में 9 बच्चों में सबसे छोटी है। कॉलेज तक पहुँचने के लिए वह अपने परिवार में एकमात्र बच्ची है। उसके सभी भाई-बहन कभी स्कूल नहीं गए। पाटन जिले के सांतलपुर तालुका में भारत-पाक सीमा से लगभग 45 किमी दूर स्थित अपने गाँव ढोकवाड़ा में रामी रहती है।
रामी कहती हैं, "मैं हमेशा सोचती थी कि अगर यूपी, हरियाणा और पंजाब जैसे राज्य से बीएसएफ के जवान हमारी सीमाओं की रक्षा करते हैं, तो हमें स्थानीय लोगों को भी क्यों नहीं शामिल होना चाहिए। बीएसएफ में शामिल होने का मेरा बचपन से मिशन है।"
सीमा से लगभग 50 किलोमीटर दूर स्थित बाकुत्रा गाँव की 21 वर्षीय शानू अहीर ने अपने तीसरे वर्ष के कॉलेज के बाद बीएसएफ जवान के पद के लिए लिखित परीक्षा भी पास कर ली है। छह भाई-बहनों में से एक शानू का कहना है, "मैं अपने व्यक्तित्व और समर्पण से बीएसएफ अधिकारियों और उनके जीवन के प्रति समर्पण देखकर बडी हुई हूं। मैं एक निडर जवान बनना चाहती हूं।"
दिलचस्प बात यह है कि शानू की शादी बचपन में तय हो गई थी। शानू का कहना है, "मेरे पति वीरा केवल कक्षा 3 पास हैं, लेकिन वह मेरे बीएसएफ में शामिल होने का बहुत समर्थन करते हैं। उनका कहना है कि वह खेती करेंगे लेकिन मुझे अपना सपना पूरा करना चाहिए।"
दोकवाड़ा गांव के शन्नो अहीर नाम की उसकी सखी ने भी लिखित परीक्षा पास कर ली है। रामी और शन्नो ने फिजिकल टेस्ट को अंजाम देने के लिए गाँव में 1,600 मीटर का एक रनिंग ट्रैक बनाया है। लड़कियों का कहना है, "हम दूध और केले का सेवन कर रही हैं।"
बीएसएफ आईजी (गुजरात फ्रंटियर) जीएस मलिक ने कहा कि बीएसएफ ने हाल ही में महिलाओं के लिए 5% नौकरियां आरक्षित की हैं। गुजरात से बीएसएफ में लडकियां जुड़ी तो ये देश और गुजरात के लिये गौरव की बात है।