RPF जवान ने जान पर खेल गुजरात में बाढ़ से बचाए 8 लोग, 20 फीट तक भरे पानी में फंसे थे
गांधीनगर। गुजरात में बारिश की वजह से कुछ इलाके बाढ़ से जूझ रहे हैं। राज्य की पुलिस एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना और वायुसेना के जवान बड़े पैमाने पर रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे हैं। वायुसेना ने हेलिकॉप्टर के जरिए सौराष्ट्र क्षेत्र एवं वडोदरा जिले से सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। वहीं, कच्छ के इलाके भुज में निचली जगहों पर 20 फीट से भी ज्यादा पानी भरा हुआ है। जहां पुलिस एवं आरपीएफ के जवान पीड़ितों की मदद कर रहे हैं। इसी दौरान एक आरपीएफ जवान ने जिस तरह अपनी जान और परिवार की परवाह किए बिना लोगों को बचाया, उनकी हिम्मत के चर्चे हो रहे हैं।
आरपीएफ जवान ने देखा बाढ़ में 8 लोग जिंदगी के लिए जूझ रहे थे
दरअसल, शिवचरण गुर्जर नाम का आरपीएफ जवान महेसाणा से गांधीधाम जा रही ट्रेन में ड्यूटी पर सवार था। रेल पटरियों पर पानी भरा होने की वजह से यह ट्रेन सामखियाली गांव के पास रोक दी गई थी। ऐसे में शिवचरण ने ट्रेन से देखा कि कुछ दूर काफी लोग पानी के बीच फंस हैं। वे लोग एक पेड़ का सहारा लिए थे और मदद के लिए चिल्ला रहे थे। वहां की पुलिस भी उन्हें बचाने के लिए आई हुई थी। मगर, वहां पानी काफी ज्यादा था। ऐसे में शिवचरण ने ही उन्हें बचाने की ठानी।
नहीं की खुद की परवाह, बिना देर किए पानी में कूदे
शिवचरण ट्रेन से नीचे कूदे और बाढ़ की चपेट में आए लोगों को बचाने चल दिए। इस दौरान सिपाहियों ने शिवचरण को रोकने की कोशिश की। सिपाहियों ने कहा कि वहां 20 फीट से ज्यादा पानी भरा है, बिना नाव जाना ठीक नहीं रहेगा। मगर, शिवचरण नहीं माने। शिवचरण ने कहा कि मैं उन्हें बचाने जा रहा हूं, न लौटूं तो परिवार को बता देना। उन्होंने सिपाहियों से यह भी कहा कि मुझे लोगों को बचाने का वीडियो घरवालों को दिखाना और कह देना कि बाढ़ में फंसे लेागों को बचाने के लिए मैं शहीद हो गया।'
एक-एक करके सभी लोगों को बचा लिया
ऐसा कहते हुए शिवचरण गहरे पानी में कूद गए। उनके हाथ में रस्सी थी। उस रस्सी के सहारे उन्होंने उस बाढ़ में पेड़ पर फंसे 8 लोगों को बचा लिया। उन्होंने उन लोगों को एक-एक करके वहां से निकाला। ऐसे में वहां मौजूद सिपाहियों ने शिवचरण के साहस की प्रशंसा की। भचाऊ के डीएसपी केजी झाला ने कहा कि वाकई शिवचरण का साहस सराहनीय है। बिना देर किए उन्होंने लोगों को बचाने की ठानी और रस्सी लेकर तेज बहाव में कूद पड़े। उन्होंने न केवल सभी को बचा लिया, बल्कि अपनी जान की भी परवाह नहीं की।