गुजरात: वित्त विभाग की PSUs को दो टूक, पैसा खर्च करें, वरना वापस ले लेगी सरकार
Gujarat News, गांधीनगर। गुजरात में वित्त विभाग ने सभी बोर्ड और कोर्पोरेशन को ऑर्डर दिए हैं कि सरकार ने जिस उद्देश्य के लिए धन आवंटित किया है, उसका एक साल के भीतर उपयोग नहीं किया तो उसे अनिवार्य रूप से सरकार के समवर्ती कोष में जमा करना होगा।
सरकारी
पैसे
का
हो
रहा
दुरुपयोग
वित्त
विभाग
के
अधिकारियों
के
अनुसार,
सरकारी
बोर्ड-कोर्पोरेशन,
सरकारी
संस्थान,
ट्रस्ट
और
अनुदान
लेने
वाले
संगठनों
से
जुड़ी
ऐसी
शिकायतें
मिल
रही
हैं
कि
वे
सरकारी
अनुदान
की
रकम
बैंकों
में
जमा
कर
उनका
इंटरेस्ट
पा
रही
हैं।
इन
शिकायतों
को
ध्यान
में
रखते
हुए
अब
वित्त
विभाग
ने
न
केवल
सार्वजनिक
उद्यमों
के
लिए,
बल्कि
सरकारी
संगठनों,
सार्वजनिक
संस्थान,
ट्रस्ट
और
मिशनों
के
लिए
भी
इसी
तरह
के
आदेश
जारी
किए
हैं।
यदि
किसी
बोर्ड
या
कोर्पोरेशन
या
संगठन
ने
अपने
अधिशेष
धन
को
जीएसएफएस
या
बैंक
में
जमा
किया
है,
तो
उसे
वह
सरकार
में
जमा
करना
होगा।
रुपये
बैंक
में
पड़े
रहे
तो
सरकार
उसे
वापिस
ले
लेगी
सरकार
के
ध्यान
में
आया
है
कि
कुछ
कोर्पोरेशन
अनुदान
की
बाकी
रकम
बैंकों
या
राज्य
सरकार
की
वित्तीय
सेवाओं
(जीएसएफएस)
में
रखकर
ब्याज
राशि
पा
रहे
हैं।
सरकारी
संस्थानों,
जो
अपने
बाकी
बचे
अनुदानित
रुपये
को
बेंक
या
सरकारी
फाइनेंस
संस्थान
में
जमा
करते
हैं
उनको
वित्त
विभाग
ने
चेतावनी
दी
है।
कहा
है
कि
अगर
एक
साल
के
बाद
भी
ये
रुपये
बैंक
में
पड़े
रहे
तो
सरकार
उसे
वापिस
ले
लेगी।
राज्य सरकार के वित्त विभाग ने पहले आदेश दिया था कि, सरकारी उद्यमों जो निजी क्षेत्र के बैंकों में अनुदान के रुपये डालते हैं वह उसे नहीं करना चाहिये। बाकी बचे रुपए गुजरात स्टेट फाइनेंशियल सविर्सेस में रखने होंगे। वित्त विभाग के इस आदेश का पालन नहीं होने की वजह से, विभाग ने फिर से ये आदेश दिया है कि, सरकारी उद्यम को अब एक साल के बाद अपनी बाकी बची धनराशि सरकार में जमा करनी पड़ेगी।
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