गुजरात में जल संकट: रुपाणी बोले- जुलाई खत्म होने तक ही प्यास बुझा सकता है नर्मदा बांध
gujarat news , गांधीनगर। गुजरात जल संकट का सामना कर रहा है। कच्छ के सभी बांधों से पानी खत्म हो चला है। सौराष्ट्र के बांधो में 10% तो दक्षिण गुजरात के बांधों में भी 22% पानी ही बचा है। इस बीच गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने सांत्वना दी है कि, नर्मदा बांध में मौजूद पानी 31 जुलाई तक काम चला सकता है। हालांकि, उन्होंने यह भी साफ किया सब जगह पानी पहुंचाना बहुत कठिन का है। फिर भी सरकार पानी की किल्लत से जूझ रहे इलाकों की दिक्कत दूर करने का प्रयास करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, 96 तहसील में पहले से सूखे की स्थिति है। पानी की स्थिति के मॉनिटरिंग के लिए 'राउंड द क्लॉक' कंट्रोल रूम चालू किया गया है। कच्छ, बनासकांठा, भावनगर एवं सुरेंद्रनगर में पीने के पानी की किल्लत उठानी पड रही है। सरकार ने कच्छ, बनासकांठा, जामनगर, राजकोट में नर्मदा कैनाल के जरिये पानी पहुंचाया है।
बकौल रुपाणी, 'लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के चलते पानी के कामों में बाधा आई है, लेकिन पानी की स्थिति अब नियंत्रण में है। पीने का पानी सबको मिले यह सरकार की प्राथमिकता है। गुजरात राज्य के लोगों को पानी के संकट का सामना करना पड़ रहा है। पेयजल भरने और पानी इकट्ठा करने के लिए कच्छ से लेकर नवसारी और ऊना से लेकर ऊंझा तक के लोग पानी की लाइन लगा रहे हैं।
राज्य के 62 तालुका के 258 गांवों में 363 टैंकर प्रतिदिन पानी दे रहे हैं। इस संकट में सरदार सरोवर नर्मदा बांध और कैनाल के पानी पर सरकार और जनता का आधार है। पानी के मामले में, राज्य के शीर्ष अधिकारियों की तत्काल बैठक मुख्यमंत्री विजय रुपाणी की अध्यक्षता में हुई थी। बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया कि अगर नर्मदा का पानी उपलब्ध नहीं होता तो लोगों के लिए एक बड़ी आपदा होती और लोगों को पलायन करना शुरू करना पड़ता।
सरकार ने इतना स्वीकार किया कि तत्काल उपाय किए जा रहे हैं और योजना बनाई जा रही है। राज्य की आबादी को 31 जुलाई तक पर्याप्त पानी मिलेगा और कोई संकट नहीं होगा। उत्तर गुजरात में केवल 13%, कच्छ में 16.24%, सौराष्ट्र में 10.59% और दक्षिण गुजरात में 22.44% के साथ पूरे गुजरात के जलाशयों में केवल 13% पानी उपलब्ध है। सरदार सरोवर बांध में 119.5 मीटर जल स्तर है, जो पिछले साल के मुकाबले 15 मीटर अधिक है।
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नर्मदा बांध में लगभग 4814 मिलियन क्यूबिक फीट (MCF) पानी (एक एमसीएफ यानी 2.83 करोड़ लीटर पानी) है। अगर पानी की मात्रा दूसरे बांध में भरनी है, और अन्य सभी बांधों को 25% के संग्रह में ले जाना है, तो नर्मदा से दूसरे बांध में लगभग 765 एमसीएफटी पानी ले जाना होगा। राज्य सरकार ने पोरबंदर के लिए 120 करोड़ रुपये की लागत से 64 किमी पाइपलाइनें लगाई हैं और दो दिनों में पोरबंदर को पानी मिलेगा। द्वारका, जामनगर और पोरबंदर क्षेत्र के लिए पानी की मात्रा बढ़ाई जाएगी। कच्छ जिले में पानी की आपूर्ति 27 मिलियन लीटर की गई है। उत्तर गुजरात में राधनपुर, संतालपुर क्षेत्र में काम चल रहा है और काम पूर्ण होने के बाद पानी की आपूर्ति होगी।
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