गुजरात: 4 लोकसभा और 1 विधानसभा सीट पर कांग्रेस को डुबोने में अल्पेश ठाकोर की अहम भूमिका
गौतम पुरोहित, गांधीनगर। उत्तर गुजरात की चार लोकसभा और एक विधानसभा सीट पर कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है, यहां वह पाटीदार बहुल क्षेत्र होने और हार्दिक पटेल के प्रचार के बावजूद पिछड़ गई। उसे महेसाणा, पाटणं, बनासकांठा और साबरकांठा सीटों पर अपने ही एक नेता अल्पेश ठाकोर के चलते नुकसान झेलना पड़ा है। सियासी गणित पर नजर डाली जाए तो कांग्रेस के पूर्व नेता अल्पेश ठाकोर ने ही भाजपा के उम्मीदवारों को फायदा पहुंचाया। वहीं, कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं आशा पटेल ने भाजपा की उम्मीदों को बनाए रखा है।
उत्तर गुजरात को पाटीदारों, आदिवासियों और ओबीसी मतदाताओं का सबसे बड़ा गढ़ माना जाता है। यहां की चारों लोकसभा सीटों पर इस बार भी भाजपा जीतती दिख रही है। जबकि, कांग्रेस के उम्मीदवार चुनाव हार रहे हैं। सभी सीटों के रुझान देखने पर लगता है कि मोदी का करिश्मा एक बार फिर गुजरात में देखने को मिला है। वर्ष 2014 में भाजपा ने क्लीन स्वीप किया था, इस बार 2019 के चुनाव के परिणाम में आज दोपहर 12 बजे तक राज्य की सभी 26 सीटों पर भाजपा कांग्रेस से आगे दिखी। यहां देखें उत्तर गुजरात में कैसे पिछड़ गई कांग्रेस:-
महेसाणा
सीट
पाटीदार
के
प्रभुत्व
वाली
महेसाणा
सीट
में
नई
महिला
उम्मीदवार
शारदा
पटेल
जीतती
दिख
रही
हैं,
जबकि
कांग्रेस
के
एजे
पटेल
दूसरे
स्थान
पर
चल
रहे
हैं।
हार्दिक
पटेल
की
ताबड़तोड़
सभाओं
का
महेसाणा
में
कोई
असर
नहीं
देखा
गया
है।
हालांकि,
भाजपा
उम्मीदवार
10
हजार
से
कम
वोटों
के
अंतर
से
आगे
है।
बनासकांठा
सीट
चौधरी
पटेल
और
ठाकोर
समुदाय
बनासकांठा
सीट
पर
हावी
हैं।
भाजपा
के
उम्मीदवार
परबत
पटेल
बड़ी
बढ़त
के
साथ
जीत
रहे
हैं,
जबकि
कांग्रेस
उम्मीदवार
परथी
भटोल
30
हजार
वोटों
से
पीछे
हैं।
पूर्व
कांग्रेस
नेता
अल्पेश
ठाकोर
ने
इस
सीट
पर
अधिक
नुकसान
किया
है।
अल्पेश
ने
जिनको
निर्दलीय
उम्मीदवार
बनाया
है,
वह
ठाकोर
उम्मीदवार
शरदजी
ठाकोर
6000
वोटों
के
साथ
मुकाबला
करते
देखे
गए।
साबरकांठा
सीट
साबरकांठा
में
ठाकोर
और
आदिवासी
मतदाता
ज्यादा
हैं।
भाजपा
के
दीप
सिंह
राठौड़
20,000
वोटों
से
आगे
हैं।
कांग्रेस
उम्मीदवार
राजेंद्र
सिंह
ठाकोर
चुनाव
हार
रहे
हैं।
अल्पेश
ठाकोर
ने
इस
बैठक
पर
भी
नुकसान
किया
है।
पाटणं
सीट
यह
कहा
गया
था
कि
कांग्रेस
के
उम्मीदवार
जगदीश
ठाकोर
चुनाव
जीतेंगे,
क्योंकि
अल्पेश
ठाकोर
उनके
सामने
नहीं
थे।
फिर
भी
मोदी
लहर
में
भाजपा
उम्मीदवार
भरत
डाभी
26000
की
बढ़त
के
साथ
आगे
हैं।
हालांकि
ठाकोर
सेना
ने
बैठक
को
नुकसान
नहीं
पहुंचाया,
लेकिन
भाजपा
उम्मीदवार
चुनाव
जीत
रहा
है।
ऊँझा
विधानसभा
भाजपा
ने
लोकसभा
के
साथ
उंझा
सीट
पर
विधानसभा
चुनावों
में
जादू
दिखाया
है।
कांग्रेस
की
विधायक
डॉ.
आशाबेन
पटेल
ने
इस्तीफा
देकर
भाजपा
में
प्रवेश
किया
था,
अब
वह
चुनाव
जीत
रही
हैं।
हालाँकि
आशा
पटेल
के
भाजपा
में
प्रवेश
से
भाजपा
के
नेता
और
कार्यकर्ता
नाराज
थे,
लेकिन
चुनावी
मतदान
में
उनका
कोई
असर
देखने
को
नहीं
मिला
है।
भाजपा
को
महेसाणा
लोकसभा
और
ऊंझा
विधानसभा
सीटें
मिल
रही
हैं।
पढ़ें: देश में एक बार फिर मोदी सरकार, मां हीराबेन बोलीं- 'आप सभी का धन्यवाद', देखें वीडियो