गुजरात के शिक्षामंत्री चुडासमा की मुश्किलें बढ़ीं, हाईकोर्ट के जस्टिस ने कड़ा रूख अख्तियार किया
Gujarat News, गांधीनगर। गुजरात के शिक्षा मंत्री भूपेंद्र सिंह चुडासमा के खिलाफ दायर एक याचिका पर हाईकोर्ट के जस्टिस परेश उपाध्याय ने कड़ा रूख अख्तियार किया है। परेश उपाध्याय ने कहा है कि संसद के खिलाफ इम्पीचमेंट फेस करने के लिए कम ह्युमिलियेट हो सकता हूं, लेकिन अगर कोई ऐसा एलिगेशन करता है कि अदालत किसी के पीछे काम करती है, तो उसे नहीं चलाया जाएगा। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में चुडासमा द्वारा दायर हलफनामे पर अदालत ने नाराजगी जताई है।
पूरी
पारदर्शिता
से
कार्रवाई
करती
है
अदालत
न्यायमूर्ति
परेश
उपाध्याय
ने
भूपेंद्रसिंह
चुडासमा
के
वकील,
चित्रजीत
उपाध्याय
को
कहा
कि,
"क्या
आप
चीफ
जस्टीस
को
आवेदन
करके
इस
मामले
को
अन्य
पीठ
के
समक्ष
रखना
चाहते
हो?
यह
अदालत
पूरी
पारदर्शिता
से
कार्रवाई
करती
है।
हर
कोई
जानता
है
कि,
किसी
के
प्रमाणीकरण
की
आवश्यकता
नहीं
है,
आप
निर्णय
ले
सकते
हैं।
मैं
इस
मेटर
को
नोट
बिफोर
मी
नहीं
करूंगा।
अदालत
में
हारे
तो
मंत्री
पद
गंवा
सकते
हैं
चुडासमा
भूपेंद्रसिंह
चूडासमा
गुजरात
के
शिक्षामंत्री
हैं।
ऐसी
संभावना
है
कि
अगर
इस
मामले
में
हार
हुई
तो
भूपेंद्रसिंह
का
मंत्री
पद
खतरे
में
पड़
सकता
है।
उन्होंने
धोलका
सीट
पर
से
लगातार
8
बार
चुनाव
लडा
है।
पार्टी
में
सम्मानित
माने
जाने
वाले
चुडासमा
भाजपा
के
ऑफर
होने
के
बावजूद
मूल
निर्वाचन
क्षेत्र
धोलका
से
अपने
मतदाताओं
को
छोड़कर
अन्य
सीट
पर
चुनाव
लड़ने
के
कभी
भी
लिए
तैयार
नहीं
हुए
हैं।
चुनाव
में
धांधली
के
आरोप
2017
के
विधानसभा
चुनाव
में
चुडासमा
घोलका
से
बहुत
कम
मार्जिन
से
चुनाव
जीते
थे।
परिणामों
में
पोस्टल
बेलेट
की
गिनती
में
कुछ
गरबडी
होने
की
शंका
की
वजह
से
अश्विन
राठोड
नामक
एक
व्यक्ति
ने
गुजरात
हाइकोर्ट
में
पिटीशन
फाइल
की
थी।
भूपेंद्रसिंह
केवल
150
वोटों
से
धोलका
से
चुनाव
जीते
थे।
पोस्टर
बेलेट
की
गिनती
फिर
से
हो
जाती
है
तो
भुपेंद्रसिंह
चुडासमा
हार
भी
सकते
हैं,
लेकिन
अभी
तक
अदालत
ने
फिर
से
वोटों
की
गिनती
के
आदेश
अभी
नहीं
दिये
हैं,
क्योकिं
इस
केस
की
अभी
सुनवाई
जारी
है।
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