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मोदी के हस्ताक्षर वाला ‘मेक इन इंडिया' का फर्जी प्रमाण पत्र दिखाकर लगाया करोड़ों का चूना

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गांधीनगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्ताक्षर वाला 'मेक इन इंडिया' का फर्जी प्रमाण पत्र दिखाकर गुजरात में कंपनी के निदेशक करोड़ों रुपए ठगते पकड़े गए हैं। यहां एक कंपनी ने धोखाधड़ी का व्यवसाय शुरू किया, पीड़ितों को धोखे का अहसास हुआ तो भंडाफोड़ हो गया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर पड़ताल शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार, वडोदरा की जेपी कैपिटल इनवेस्टमेंट एडवाइजर एलएलपी और उनके डायरेक्टर्स के खिलाफ याचिका दायर हुई है।

निवेशकों से 3.47 करोड़ रुपये हड़प लिए

निवेशकों से 3.47 करोड़ रुपये हड़प लिए

पुलिस के मुताबिक, निवेशकों से 3.47 करोड़ रुपये हड़प लिए जाने की शिकायत दर्ज हुई। बताया जाता है कि शहर के एक ही परिवार के आठ सदस्यों ने इस कंपनी में निवेश किया था। कंपनी के निदेशकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम का फर्जी प्रमाणपत्र दिखाया था और निवेश लिया था। वडोदरा के शिकायतकर्ता 53 वर्षीय कमलेश मनुभाई पटेल (ए-3 पेरिस नगर, रेसकोर्स) ने पुलिस शिकायत में कहा कि, वह रावपुरा कोठी रोड के पास सत्संग अपार्टमेंट में एक कार्यालय का मालिक है और जमीन का कारोबार करता है। 2016 में, कमलेश पटेल का एक मित्र, रितेश सोढ़ा (राजस्थान सोसाइटी, पोलो मैदान) के माध्यम से, चाणक्य नगर सीएम पटेल फार्म में जेवी कैपिटल इन्वेस्टमेंट में गये थे। वहां उनका परियय कंपनी के निदेशकों वीरेंद्र परसोत्तम विसावाडिया, दिव्यकांत परसोत्तम विसावाडिया और परसोत्तम विसावाडिया के साथ हुआ था।

मोदी के नाम पर किया भरोसा

मोदी के नाम पर किया भरोसा

कंपनी के निदेशकों ने कहा था कि, हम शेयर बाजार में काम करते हैं और निवेश पर आकर्षक रिटर्न देते हैं। कमलेश पटेल का विश्वास हासिल करने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्ताक्षर वाला मेक इन इंडिया का प्रमाण पत्र दिखाया था। मोदी के हस्ताक्षर वाले प्रमाणपत्र से कमलेश पटेल निवेश करने को उत्सुक हो उठे।

फिर हुआ धोखे का अहसास

फिर हुआ धोखे का अहसास

कमलेश पटेल ने अपने परिवार के सदस्यों, अन्य स्नेही और दोस्तों के नाम पर 3.47 करोड़ का निवेश किया। इस निवेश के बाद, फरवरी से अक्टूबर 2017 तक, निर्देशकों ने कमलेश पटेल को नियमित रिटर्न दिया और उसके बाद भुगतान करना बंद कर दिया। छह महीने तक रिटर्न नहीं मिलने के बाद कमलेश पटेल को कंपनी के निदेशकों के खिलाफ संदेह हुआ, उनको लगा कि उनके साथ धोखाधड़ी हुई है।

पुलिस ने जांच शुरू की

पुलिस ने जांच शुरू की

कमलेश पटेल पैसा इकट्ठा करने के लिए कंपनी के दफ्तर जाते थे, लेकिन निर्देशक वादा कर उनको भगा रहे थे। कमलेश पटेल को निवेश के सामने रिटर्न नहीं मिला। कंपनी के डायरेक्टर्स ने रिर्टन देना जब बंद कर दिया, तब कमलेश पटेल ने वडोदरा के मंझलपुर में पुलिस शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने कंपनी के निदेशकों के खिलाफ अपराध दर्ज किया और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए जांच शुरू की।

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English summary
Gujarat: company director fraud by fake documents of PM modi's make in india
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