सरकार ने कहा था- वाइब्रेंट उद्योगों से गुजरात में 72 लाख रोजगार पैदा होंगे, लेकिन मिला 8 लाख लोगों को
गांधीनगर। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी के पास उद्योग विभाग का भी जिम्मा है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य में हुए पिछले दो वाईब्रेंट इंवेस्टर्स समिट से 8 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है। उनके इस बयान से सरकार का वह दावा फुस्स हो गया है, जिसमें 72 लाख रोजगार पैदा होने की बात कही गई थी। बता दें कि, गुजरात में 2003 के बाद हर एक दो वर्ष में वाइब्रेंट समिट होती है। 2019 में वाईब्रेंट का नौंवा समिट था। गुजरात सरकार ने 2015 और 2017 में वाइब्रेंट इंवेस्टर्स समिट किया था।
बहरहाल विधानसभा में पूछे गये एक प्रश्न के उत्तर में उद्योग विभाग की ओर से यह जानकारी दी गई कि पिछले दो वाइब्रेंट समिट के बाद से अब तक 8 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है। 2015 और 2017 में हुए वाइब्रेंट समिट के प्रश्न के लिखित उत्तर में यह भी कहा गया है कि गुजरात ग्लोबल वाइब्रेंट इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन 2015 में किया गया था, जिसमें अनुमानित निवेश इरादों में 29,14,000 का अनुमानित रोजगार का लक्ष्य तय किया गया था।
इसी तरह, 2017 में आयोजित गुजरात वाइब्रेंट इंवेस्टर्स समिट में, निवेश के इरादों के तहत 24,97,800 रोजगार के अवसरों की संभावना थी। दोनों वाइब्रेंट में कुल रोजगार का अनुमान 72 लाख का था। हालांकि, इतनी बड़ी संख्या में जीवंत उद्योगों में रोजगार का सृजन नहीं हुआ है। सरकार ने इसे स्वीकार किया है, लेकिन साथ ही कहा कि रोजगार का विवरण लगातार अपडेट किया जाता है, इसलिए एक विशिष्ट आंकड़ा नहीं दिया जा सकता है।
उद्योग विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, 2015 वाइब्रेंट समिट के बाद जिन उद्योगों को चालू किया गया, उनमें 5,04,400 लोगों को रोजगार मिला है और 2017 वाइब्रेंट समिट के बाद कमिशन्ड हुए उद्योगो में 3,08,200 लोगों को नियुक्त किया गया है। विभाग ने कहा है कि निगरानी प्रणाली में निवेश के इरादे दर्ज करने वाले निवेशकों द्वारा प्रस्तुत जानकारी के आधार पर रोजगार विवरण अपडेट किया जाता है।