कांग्रेस छोड़ भाजपा में आईं आशा पटेल ने विधायक बनने के बाद हासिल की दूसरी बड़ी चुनावी सफलता, 33 साल बाद सत्ता परिवर्तन
गांधीनगर। एशिया में सबसे बड़े माने जाने वाले उत्तर गुजरात के ऊंझा मार्केट यार्ड में 33 सालों के बाद सत्ता परिवर्तन हुआ है। इस मार्केट यार्ड में भाजपा के पूर्व विधायक नारायण पटेल के पुत्र गौरांग की हार हुई है, जो पिछले आठ साल से चैयरमेन थे। वहीं, कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं नवनियुक्त विधायक आशा पटेल के पैनल ने जीत दर्ज की है। ऊंझा मार्केट यार्ड के प्रतिष्ठित निदेशक मंडल के चुनावी परिणाम में आशा व उनके पैनल के सदस्य आसानी से जीत गए। जीत दर्ज करने वाले चेहरे हैं आशा पटेल समर्थित दिनेश पटेल। इससे पहले लोकसभा चुनावों में नारण काका को भाजपा ने टिकट नहीं दिया था। तब नारायण काका ने जिन्होंने उंझा सीट पर आशा पटेल को हराने की कोशिश की थी लेकिन वह उंझा एपीएमसी से भी हार गए हैं।
जीत के बाद यह बोले दिनेश पटेल
विकास पैनल के दिनेश पटेल और उनकी पैनल को किसान और वाणिज्यिक दोनों वर्गों में लीड मिली है। निदेशक मंडल में जीत के बाद भाजपा विधायक आशा पटेल ने कहा कि, विकास पैनल की जीत निश्चित थी। यह जीत किसान और व्यापारियों की जीत है। यार्ड में बहुत समस्या थी, किसानों और व्यापारियों को परेशान किया गया था। अब हम किसानों के लिए काम करेंगे। किसानो के परिवारों के लिये शिक्षा, स्वास्थ्य, रहन-सहन का काम भी होगा।
भाजपा के दो समूहों के बीच बडी टक्कर थी
नारण काका के बेटे गौरांग पटेल पिछले 8 वर्षों से एपीएमसी के अध्यक्ष थे। दिनेश पटेल आशा पटेल समूह से हैं, जबकि गौरांग पटेल नारन पटेल समूह से हैं, वह नारण पटेल का बेटा भी है। उंझा एपीएमसी के चुनाव में किसान वर्ग में 100%, व्यापारी वर्ग में 94.11% मतदान हुआ था। ऊंझा मार्केट यार्ड में सत्ता हासिल करने के लिए, भाजपा के दो समूहों के बीच बडी टक्कर थी।
कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आई थीं आशा
लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के विधायक आशा पटेल की नजर उंझा एपीएमसी पर थी लेकिन वह कांग्रेस में रहकर सत्ता हांसल नहीं कर सकती थी। उन्होंने कांग्रेस से त्यागपत्र देकर भाजपा ज्वॉइन कर ली। उनके दो लक्ष्य थे, जिसमें पहला भाजपा की टिकट पर विधायक बनना औऱ दूसरा उंझा मार्केट यार्ड पर हकूमत प्राप्त करना।
उपचुनाव में भाजपा ने आशा पटेल को टिकट दिया
विधानसभा के उपचुनाव में भाजपा ने आशा पटेल को टिकट दिया, इतना ही नहीं उनको जिताया। अब आशा पटेल को उंझा एपीएमसी मार्केट यार्ड भी मिल गया है। उनके दो गोल पूरे हो चुके हैं। ऊंझा एपीएमसी मार्केट यार्ड गुजरात का सबसे आर्थिक रूप से मजबूत विपणन यार्ड है। यहां से अरबों रुपये विदेशों में निर्यात किए जाते हैं। साल में एक अरब रुपए देने वाली ऊंझा एपीएमसी में अब नारण काका के बेटे गौरांग का राजनीतिक करियर समाप्त हो गया है।