नर्मदा समेत गुजरात की 5 नदियों में शुरू होगी पब्लिक ट्रांसपोर्ट सर्विस, ये है रिवर इंटर लिंकअप प्रोजेक्ट
Gujarat News, गांधीनगर। गुजरात में नर्मदा समेत पाँच मुख्य नदियों में जल्द ही जल परिवहन सुविधा शुरू होने वाली है। सरकार ने रिवर इंटर लिंकअप प्रोजेक्ट के तहत जलमार्ग बनाने का फैसला किया है। वहीं, अंतर्देशीय जल परिवहन सेवा संवर्धन अधिनियम संसद ने पारित कर दिया है। ऐसे में मुसाफिरों को हाई-वे की तरह नदी के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने में बहुत आसानी हो जाएगी।
इसके लिए गुजरात मैरिटाइम बोर्ड ने नर्मदा, महिसागर, तापी, अंबिका, वैश्वामित्री जैसी बारामासी नदियों में यात्री और मालवाहक जहाजों को चलाने के लिए पायलट प्रोजेक्ट को तैयार किया है। इन नदियों में साबरमती नदी को भी समाने की योजना है। बताया जा रहा है कि सरकार का मुख्य इरादा सड़कों पर यातायात को कम करना है।
राज्य के परिवहन विभाग, एवं बंदरगाह विभाग के सूत्रों के अनुसार, "नदियों में होवरक्राफ्ट और जहाज के लिये पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप - पीपीपी और बिल्ड, ऑपरेट और ट्रांसफर-बूट सिस्टम द्वारा विकसित किया जायेगा। इसका प्रस्ताव गुजरात सरकार के पास पहुंचाया गया है। नदियों के जलमार्ग को नर्मदा नहर के नेटवर्क से भी जोड़ा जा सकता है। नहर क्षेत्र के जुड़ने से भूमि और रेलवे पर बोझ कम होगा। नर्मदा नहर के लिए, गुजरात मैरीटाइम बोर्ड ने नर्मदा प्रभाग और सरदार सरोवर निगम के अफसरों के साथ मश्वरा करने के बाद प्रारंभिक रिपोर्ट भी तैयार की है।
1981 में गुजरात मैरिटाइम बोर्ड ने परिवहन के लिये मालवाहक जहाजों के लिये वोटर ट्रांसपोर्टेशन का विचार किया था। बोर्ड ने नर्मदा, पूर्णा और तापी नदी के तट पर आये स्थानकों को पसंद किया था और प्रस्ताव मध्य भारत वोटर ट्रान्सपोर्ट ओथोरिटी को भेजा था। ये प्रस्ताव जब भारत सरकार में गया तो तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने मध्य भारत वोटर ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के प्रस्ताव पर कोई निर्णय नहीं लिया था। दूसरी ओर, गुजरात को केन्द्र की ओर से वित्तीय सहायता नहीं मिलने के कारण परियोजना का काम रोक दिया था।
हालांकि, गुजरात में वोटर ट्रान्सपोर्टेशन की संभावना को देखते हुये भारत सरकार ने अब इस प्रस्ताव को मंजूर कर दिया है। बंदरगाह के एक अफसर ने बताया कि, गुजरात सरकार वोटर ट्रान्सपोर्टेशन को नई औद्योगिक नीति के साथ जोड़ने और ये परियोजना को आगे बढ़ाने के लिये काम कर रही है। गुजरात वायब्रेंट समिट के लिये मेरीटाइम बोर्ड ने प्रोजेक्ट प्रपोजल भी बनाया है।
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