पूर्व IPS संजीव भट्ट की याचिका गुजरात हाईकोर्ट ने स्वीकारी, जून 2019 में उम्रकैद की सजा हुई थी
अहमदाबाद। विवादों में घिरे रहे पूर्व आईपीएस आॅफिसर संजीव भट्ट की एक याचिका को गुजरात हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया। संजीव भट्ट की पत्नी श्वेता भट्ट की ओर से दायर उक्त याचिका में कहा गया था कि मेरे पति एनडीपीएस एक्ट हिरासत में प्रताड़ना के एक केस में जेल में बंद हैं। कृपया केस की सुनवाई संबंधी याचिका अदालत में स्वीकार किया जाए।'
मालूम हो कि, संजीव भट्ट वह आईपीएस आॅफिसर थे, जिनका भाजपा सरकार से 36 का आंकड़ा रहा है। भट्ट की नरेंद्र मोदी से भी नहीं बनती थी। सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले भट्ट की मुश्किलें तब ज्यादा बढ़ीं, जब उन पर हिरासत में लिए गए एक वकील के साथ मारपीट एवं उसे फर्जी केस में फंसाने के आरोप लगे। इसी मामले में भट्ट को सितंबर 2018 में गिरफ्तार कर लिया गया।
उक्त वकील पाली (राजस्थान) का रहने वाला था। भट्ट के साथ उसका विवाद वर्ष 1998 का है। वकील के आरोप थे कि, भट्ट ने उसके खिलाफ मादक द्रव्य संबंधी अधिनियम के तहत एक झूठा केस बनाकर पुलिस कस्टडी में प्रताड़ित किया। बहरहाल, संजीव भट्ट पालनपुर जेल में बंद हैं। इसके अलावा भट्ट को एक अन्य मामले में जून 2019 में आजीवन कारावास की भी सजा सुनाई जा चुकी है।
अब गुजरात हाईकोर्ट द्वारा संजीव भट्ट की पत्नी की ओर से दायर याचिका के बारे में कहा गया है कि, भट्ट के केस की सुनवाई हाईकोर्ट में नहीं, बल्कि नियमित अदालत में ही की जाए।