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जलसंकट: गुजरात में पक्षियों का सबसे बड़ा बसेरा नलसरोवर सूख गया, 17 साल में पहली बार ऐसा हुआ

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Gujarat News in Hindi, गांधीनगर। गर्मी की शुरूआत की साथ ही समूचे गुजरात में पानी की किल्लत मच गई है। राज्य की नहर, ताल और झीलों का पानी सूख रहा है। कई बांधों में जलस्तर भी लगातार घट रहा है।इसी बीच अहमदाबाद के पास गुजरात के सबसे बड़े पक्षीनगर नल सरोवर में भी पक्षियों की जान पर आफत आ गई है। सरोवर की झील में पानी नहीं है और गर्मी के चलते अभ्यारण्य में हजारों पक्षी जिंदगी के लिए जूझ रहे हैं। 17 साल में पहली बार इतना बड़ा संकट देखा गया है।

120 वर्ग किलोमीटर में फैला कुदरती नगर संकट में

120 वर्ग किलोमीटर में फैला कुदरती नगर संकट में

बता दें कि, गुजरात का 'नल सरोवर' 120.82 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। यह दुनियाभर में ​पक्षियों के कुदरती नगर के तौर पर जाना भी जाता है। सर्दियों के मौसम में यहां दूर-दूर के प​क्षी आ जाते हैं। नल सरोवर झील में पानी की मौजूदगी हजारों तरह के पक्षी व जीवों का अहसास कराती थी। साथ ही, विदेशी पर्यटक भी बड़ी संख्या में जुटते थे। मगर, अब नल सरोवर पूरी तरह से सूख गया है। सरोवर की हालत करीब दो महिने से बिना पानी के तालाब जैसी है।

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सरोवर के आसपास के 12 गांव भी बेपानी

सरोवर के आसपास के 12 गांव भी बेपानी

केवल सरोवर ही नहीं, सरोवर के आसपास बसे 12 गांवो में भी पानी की कमी देखी गई है। गांव के लोगों को पीने का पानी भी नहीं मिल रहा है। नल सरोवर में इससे पहले 2002 में पानी नहीं था। 17 साल बाद फिर से ये नौबत आई है।

मानसून से समय में 7-8 फीट पानी होता है

मानसून से समय में 7-8 फीट पानी होता है

नल सरोवर पक्षी अभ्यारण्य में मानसून से समय में सात से आठ फीट तक पानी होता है। उसके बाद सर्दी के मौसम में दूर-दूर से विदेशी पक्षी नल सरोवर में आते हैं। इनको देखने के लिये देश और दुनिया के कई देशों से प्रवासी पक्षियों का नजारा देखने के लिये आते हैं।

तेज धूप से बचने के लिए जिसके सहारे बैठी थीं 2 मासूम, श्मशान की वह दीवार अचानक ढह गई, वे नीचे ही दब गईंतेज धूप से बचने के लिए जिसके सहारे बैठी थीं 2 मासूम, श्मशान की वह दीवार अचानक ढह गई, वे नीचे ही दब गईं

गहराई 2.7 मीटर तक, फिर भी पानी नहीं बचा

गहराई 2.7 मीटर तक, फिर भी पानी नहीं बचा

पिछले साल मोनसून में कम बारिश के कारण नल सरोवर में सात से आठ फीट की जगह केवल दो से तीन फीट पानी पाया गया था। सरोवर की अधिकतम गहराई 2.7 मीटर है, लेकिन 60 प्रतिशत से अधिक के क्षेत्र में पानी की गहराई एक वर्ग मीटर है। पानी की गहराई कम होने के कारण पानी के नीचे विभिन्न वनस्पतियां दिख जाती थीं।

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English summary
gujarat: famous bird-watching site 'Nalsarovar' bird sanctuary Is now droughts
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