गुजरात में भ्रष्टाचार होता तो है, लेकिन दूसरों राज्यों के मुकाबले यहां बहुत कम: ऊर्जा मंत्री सौरभ पटेल
गांधीनगर। गुजरात में सरकार के विभिन्न विभागों में भ्रष्टाचार की शिकायतें आती रहती हैं। मगर, ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा संचालित इंडिया करप्शन सर्वे-2019 में राज्य को देश में सबसे कम भ्रष्ट प्रांत बताया गया है। सर्वेक्षण का विवरण साझा करते हुए, ऊर्जा मंत्री सौरभ पटेल ने कहा है कि गुजरात में भ्रष्टाचार होता तो है, लेकिन दूसरों राज्यों के मुकाबले यहां बहुत कम होता है। बकौल पटेल, "भ्रष्टाचार सर्वेक्षण-2019 भारत के 20 राज्यों के 248 जिलों के लगभग दो लाख नागरिकों (ग्रामीण और शहरी) की प्रतिक्रियाओं पर आधारित था। जिसमें गुजरात को भारत में सबसे कम भ्रष्ट राज्य माना गया है। राज्य में सबसे ज़्यादा भ्रष्टाचार वाले विभागों में राजस्व, गृह, शहरी विकास, पंचायत और स्वास्थ्य देखने को मिले हैं।"
सौरभ ने आगे कहा, "मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के अधीन राज्य प्रशासन ने हाल के दिनों में बहुत अच्छा विकास किया है। कई सरकारी प्रक्रियाओं को ऑनलाइन किया गया है, जिससे मानव सहभागिता कम हुई है। इनमें से कुछ में एनए-एनओसी, प्रपत्रों की ऑनलाइन उपलब्धता 7/12 और 8-ए, आईओआरए आदि शामिल हैं।
उर्जा
मंत्री
ने
सीएम
डैशबोर्ड
के
3,400
संकेतकों
के
माध्यम
से
खानों
और
खनिज
अयस्कों
की
ई-नीलामी,
खनन
की
निगरानी
और
विभिन्न
विभागों
के
निगरानी
कार्यों
का
विवरण
प्रदान
किया।
सौरभ
पटेल
ने
कहा
कि
भ्रष्टाचार
निरोधक
ब्यूरो
(एसीबी)
नवीनतम
तकनीक
और
उपकरणों
से
लैस
है
जिसमें
बटन
कैमरा,
पेन
कैमरा,
वॉयस
रिकार्डर
और
अधिक
कुशल
पुलिसिंग
के
लिए
उपकरण
शामिल
हैं।
सर्वेक्षण के अनुसार, 78% की भ्रष्टाचार दर के साथ, राजस्थान देश में पहले स्थान पर है। अन्य राज्य जो सबसे कम भ्रष्ट श्रेणी में आते हैं, उनमें गोवा, ओडिशा, हरियाणा और केरल शामिल हैं।