अपने दफ्तर के बजाए गुजरात में भाजपा ने सरकारी बंगले में की चुनावी मीटिंग, आयोग ने भेजा नोटिस
Gujarat News in hindi, गांधीनगर। गुजरात भाजपा की बोर्ड बैठक के निजी जगह या पार्टी कार्यालय में किए जाने के बजाए सरकारी आवास में आयोजित किए जाने पर चुनाव आयोग ने नोटिस थमा दिया है। आचार संहिता के नियम के मुताबिक, सरकार के मंत्री या सरकारी लाभ लेने वाले लोग अपनी पार्टी की निजी बैठक सरकारी निवास स्थान, गेस्टहाउस, सरकारी कचेरी या सर्किट हाउस में नहीं कर सकते हैं। अगर राजकीय पार्टी ऐसा करती है तो वह चुनाव की आचार संहिता का उल्लंघन माना जाता जाएगा।
कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ इसी बैठक को लेकर चुनाव आयोग से शिकायत कर दी, जिस पर संज्ञान लेते हुए राज्य के चुनाव निर्वाचन अधिकारी एस मुरलीकृष्णा ने सत्ताधारी दल को नोटिस भेज दिया है। चुनाव आयोग ने गांधीनगर जिला कलेक्टर औऱ चुनाव अधिकारी को भाजपा की संसदीय बोर्ड की बैठक के बारे में जांच करने के आदेश दिये हैं।
जानकारी के मुताबिक, भाजपाई बोर्ड की बैठक मुख्यमंत्री विजय रुपाणी के सरकारी आवास में कराई गई थी। कांग्रेस ने इसे गंभीरता से लेते हुए आचार संहिता का उल्लंघन बताया। वहीं, गुजरात भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक के दो दिन और चलने की घोषणा हुई थी। यह बैठक मुख्यमंत्री के आधिकारिक सरकारी आवास में आयोजित की जा रही है। पार्टी के प्रदेश के नेता मुख्यमंत्री के निवास स्थान पर इकठ्ठा हो रहे हैं। यह बैठक लोकसभा के उम्मीदवारों का चयन करने के लिये आयोजित हो रही है।
आमतौर पर भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक कमलम पार्टी कार्यालय में होती हैं। 2017 के विधानसभा चुनावों में पार्टी ने अडालज के पास फार्म हाउस में एक बैठक की थी, लेकिन लोकसभा चुनावों में मुख्यमंत्री के बंगले को उम्मीदवारों का चयन करने के लिये चुना गया। भाजपा की बैठक का तीसरा दिन भी मुख्यमंत्री के आवास पर किया जा रहा था, इसी बीच कांग्रेस की आपत्ति के बाद इसे रद्द करने की भी मांग की गई है। राज्य चुनाव आयोग के अधिकारी भी इसकी जांच कर रहे हैं।
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