चार चक्रवात और बेमौसम बारिश से गुजराती किसानों की 8 हजार करोड़ की फसलें बर्बाद हुईं
गांधीनगर। बेमौसम बारिश और चक्रवातों की वजह से दक्षिणी गुजरात में किसानों को भारी नुकसान हुआ है। किसानों को क्षति से उबारने के लिए राज्य सरकार ने 700 करोड़ के पैकेज का ऐलान किया है। जिसे 2 लाख से ज्यादा किसानों को मुआवजे के तौर पर दिया जाएगा। मगर, कांग्रेस और किसान संगठन सरकार के इतने कम पैकेज से खफा हैं। प्रदेश के किसान संगठनों का कहना है कि 18 जिलों में फसलों को नुकसान हुआ है। किसानों की फसल हानि 8 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा है। ऐसे में सरकारी पैकेज ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। भारतीय किसान संगठन ने भी 700 करोड़ के पैकेज पर नाराजगी जताई है। संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि राज्य सरकार का पैकेज पर्याप्त नहीं है। केंद्र सरकार का पैकेज का भी किसानों को मिलना चाहिए।
चार-चार चक्रवात और भारी बारिश से हुआ नुकसान
राज्य में फसलों को भारी बारिश, आंधी-तूफान की वजह से नुकसान हुआ है। समुद्र से उठे चार-चार चक्रवातों के चलते खेतों में ओले भी बरपे। ओलावृष्टि राजस्थान में भी हुई। मौसम विभाग के अनुसार, मौसमी बारिश से अलग राज्य में 9 प्रतिशत गैर-मानसूनी वर्षा हुई। इससे पहले वायु चक्रवात के प्रभाव के कारण मध्य जून में मानसून के आगमन से पहले राज्य में 5 प्रतिशत बारिश हुई थी। इसके बाद तीन चक्रवात आए, जिनसे 4 प्रतिशत की बारिश दर्ज हुई।
गुजरात में इस साल मानसूनी सीजन में 146% वर्षा हुई
मानसूनी सीजन में इस बार 146% बारिश हुई, जो बीते तीन दशकों में तीसरी सबसे ज्यादा है। गुजरात राहत आयुक्त कार्यालय से प्राप्त आधिकारिक जानकारी के अनुसार, राज्य में अब तक 146.04% बारिश हुई है, जो 1191.72 मिमी रही। यह पिछले तीन दशकों में किसी भी वर्ष में राज्य में तीसरी सबसे अधिक बारिश का आंकड़ा है। 1245 मिमी की उच्चतम बारिश का रिकॉर्ड 1994 का है और इस संबंध में दूसरा सबसे बड़ा वर्ष 2006 है, जब कुल 1223 मिमी बारिश दर्ज की गई थी।
72 जलाशय पानी से लबालब, सबसे बड़ा डैम भी भरा
राज्य के कुल 33 में से 22 जिलों में 100% से भी ज्यादा बारिश दर्ज की गई। कुछ जिलों में तो वर्षा का प्रतिशत 110 फीसदी से भी ज्यादा रहा। इतना ही नहीं, भयंकर बारिश के चलते राज्य के 72 जलाशय पानी से लबालब हो चुके हैं। वहीं, सरदार सरोवर नर्मदा बांध में 97 फीसदी से ज्यादा जल संग्रह भी हो गया।
यहां 9700 झीलें बारिश से ही भर गईं
आंकड़ों के अनुसार, राज्य के विभिन्न जिलों में दो वर्षों में भंडारण क्षमता में 23,553 लाख घन फीट की वृद्धि हुई है। इतना ही नहीं, यहां की 97,00 झीलें बारिश के पानी से ही भर गईं। जबकि, 5775 चेकडैम भी बहाल हुए हैं।