#VayuCyclone: समंदर से 100KM/H की रफ्तार से उठा तूफान, गुजरात में तबाही रोकने NDRF की 26 टीमें तैनात
Recommended Video
गांधीनगर। मानसून से पहले अरब सागर में आकार ले रहा चक्रवात 'वायु' गुजरात के तटीय इलाकों में भारी नुकसान पहुंचा सकता है। राहत एवं बचाव अभियान के लिए राज्य सरकार की लगातार बैठकें हो रही हैं। मंगलवार को मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने उच्चस्तरीय बैठक बुलाकर एनडीआरएफ की कुल 26 टीमों को तटीय जिलों में तैनात कराया है। मौसम विभाग एवं अन्य एजेंसियों से मिली जानकारी के अुनसार, चक्रवात 'वायु' 100 किमी/प्रति घंटा की रफ्तार गुजरात की ओर बढ़ रहा है। जिसके चलते कच्छ औऱ सौराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों में खासा तैयारियां की जा रही हैं। मानसून की जब केरल में एंट्री हुई, तब भी मौसम विभाग ने गुजरात में तूफान और भारी बारिश की चेतावनी जारी की थी।
सेटेलाइट्स से प्राप्त तस्वीरों पर गौर करते हुए रुपाणी सरकार ने आमजन की मदद औऱ बचाव कार्य के लिये गुजरात की 15 अन्य टीमों को भी मदद के लिए तैयार किया है। 15 टीमों में से 12 टीमें वडोदरा में हैं, जबकि गांधीनगर की 3 टीमें तैनात हैं। इसके अलावा पंजाब से भी 5 टीमों को बुलाया गया है।
गुजरात में चक्रवात वायु से निपटने के लिए NDRF की 26 टीमें तैनात
एक अधिकारी ने बताया कि एनडीआरएफ की टीमें राजकोट, मोरबी, जामनगर, भावनगर, पोरबंदर, वेरावल, अमरेली, कांडला, मुंद्रा, मांडवी और नलिया में तैनात की गई हैं। एनडीआरएफ की एक टीम में 35 जवान हैं और हर जवान के पास आॅक्सीजन सिलेंडर, डूबने से बचाने वाली जैकेट, बोट, क्यूडीए, शेड जनरेटर, ऑक्सीजन, फर्स्ट एड किट, कटर, एयर वैक्यूम, रासी और ऑक्सीजन मास्क जैसी सामग्री मौजूद है।
एनडीआरएफ वड़ोदरा टीम सौराष्ट्र-कच्छ के तटीय क्षेत्र में तूफान को लेकर सतर्क है। ये टीमें तूफान की स्थिति के समय कच्छ, सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात में काम करेंगी। इसके अलावा, महाराष्ट्र के NDRF की चार टीमों को वडोदरा में स्टैंड-बाय रखा गया है। वडोदरा में NDRF की टीम में 30 सदस्य हैं। जिनके पास उच्च तकनीकी उपकरण भी हैं।
वेरावल से दक्षिण-पूर्व दिशा में 840 किमी दूर उठा चक्रवात
सेटेलाइट व्यू में दिख रहा है कि अरब सागर में उठा विनाशकारी चक्रवात वेरावल से दक्षिण-पूर्व दिशा में 840 किमी दूर है। यह चक्रवात 12 जून तक गरज के साथ आएगा। इसके बाद उसी शाम सौराष्ट्र के तट पर मौसम विभाग के पहुंचने की संभावना है। वायु नामक इस तूफान के सौराष्ट्र-कच्छ के तटीय क्षेत्रों से 100 किमी/प्रति घंटा की रफ्तार से टकराने का आसार हैं। संभावित तूफान को देखते हुए राज्य सरकार ने मौसम विभाग और इसरो के साथ लगातार संपर्क में पूरी स्थिति पर नजर रखी हुई है।
मछुआरों को वापस बुलाया, समुद्री क्षेत्रों में जाने पर रोक
सरकार ने पोरबंदर और वेरावल के तट के साथ कई सिग्नल स्थापित कराए हैं। जिनके जरिए गांधीनगर स्थित कंट्रोल रूम में ही तूफान की भयावहता का पता लगाया जा सकेगा। समुद्र से वायरलेस से संदेश भेजने वाले मछुआरों को वापस बुलाया जा रहा है। मछली पकड़ने वाले मछुआरों के भी समुद्र में जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। तूफान की स्थिति को देखते हुए, पर्यटकों को समुद्र तट पर यात्रा नहीं करने की भी सलाह दी गई है। गांधीनगर में मौसम वॉच ग्रुप की एक आपातकालीन बैठक राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र में हुई थी, जिसमें पूरी स्थिति की जांच और समीक्षा की गई।
यहां 100 ट्यूब रिंग के साथ 200 फायर ब्रिगेड के कर्मचारी रेडी
राजकोट फायर ब्रिगेड टीम को सौराष्ट्र तट की तूफान की चेतावनी के साथ स्टैंडबाय पर रखा गया है। और फायर ब्रिगेड की टीमें कहीं भी जाने के लिए तैयार हैं। 8 बोट, एक लाइफ जैकेट, राजकोट में 100 ट्यूब रिंग के साथ 200 फायर ब्रिगेड के कर्मचारी खाड़ी में तैनात हैं। भावनगर जिले के चार तालुका समुद्र क्षेत्र में हैं। इसके 34 गांवों को अलर्ट कर दिया गया है। इन 34 गांवों के तलाटी और सरपंचों को अलर्ट के बारे में सूचित किया गया है और उन्हें भावनगर आपदा प्रबंधन के समन्वय में रहने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं, भावनगर जिले की मछली पकड़ने के लिए 255 पंजीकृत नावों को समुद्र से निकाला गया।
वलसाड जिले में सभी 1200 नावों को वापस बुलाया
इसके साथ, डिस्ज़स्टर की टीम ने बचाव सामग्री सहित उपग्रह फोन की तैयारी की है। साथ ही भावनगर जिले के तीन बंदरगाहों के बंदरगाह अधिकारी को 24 घंटे निगरानी करने का आदेश दिया गया है। जिले के महुवा, घोघा सहित बंदरगाहों पर कई सिग्नल लगाए गए हैं। इसके अलावा, यह सुनिश्चित करने के लिए टीम को सूचित किया गया है कि भावनगर जिले में आवश्यकता पड़ने पर NDRF की टीम को तत्काल लाया जा सकता है। गुजरात सरकार ने पूरे राज्य में अलर्ट जारी किया गया है, वलसाड जिले में सभी 1200 नावों को वापस निकाल दिया है। तूफान के पूर्वानुमान के बाद, वलसाड में मछली पकड़ने जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
पोरबंदर में 10 स्थानों पर राहत व्यवस्था की व्यवस्था
संभवित तूफान की संभावना पर, पोरबंदर जिला कलेक्टर ने सतर्क रहने के लिए एक बैठक बुलाने के विभिन्न निर्देश दिए। पोरबंदर शहर और जिले में 10 स्थानों पर राहत व्यवस्था की व्यवस्था करने की सलाह दी गई है। इसके अलावा, जिले के सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को हेड क्वार्टर नहीं छोड़ने का आदेश दिया गया है। साथ ही सभी कर्मचारियों की छुट्टी रद्द कर दी गई। जिला कलेक्टर ने समुद्री तट पर नहीं जाने की अपील की है।
सरकार सेना, तटरक्षक बल और नौसेना के संपर्क में
मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा है कि वे सेना, तटरक्षक बल और नौसेना के संपर्क में हैं। 11 एनडीआरआर टीमें हैं। पूना और भटिंडा से भी बचाव दल गुजरात पहुंच रहा है। अकेले सौराष्ट्र में कुल 20 टीमें तैनात की जाएंगी। गांधीनगर में राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र में एक तत्कालिक बैठक बुलाई गई है, जहां स्थिति का सामना करने की तैयारी की गई है।
तटीय क्षेत्रों में लोगों को ऐसे किया जा रहा अलर्ट
सौराष्ट्र और कच्छ में कलेक्टरों को निर्देश दिया गया है कि वे संबंधित विभागों के साथ एकजुट होकर सतर्क रहें। लोगों से जीवनशैली से जुड़ी सामग्री और दवाओं का इंतजाम कराने के लिये आग्रह किया जा रहा है। सड़कों, इमारतों, पेड़ों और बिजली छर्रों को नुकसान से बचने के लिए अनुभाग तैयार किए गए हैं। तूफान से लड़ने के लिये सरकार ने एक एडवाइजरी भी तैयार की है, जिसमें बताया जा रहा है कि तूफान के दौरान और उसके बाद क्या करें और क्यां न करे। यह चेतावनी टीवी-रेडियो एवं न्यूज वेबसाइट्स के जरिए लोगों को दी जा रही है।