महा चक्रवात: खतरे की आहट पर तीनों सेनाओं ने संभाला मोर्चा, रूपाणी बोले- धीमा पड़ रहा है तूफान
गांधीनगर। अरब सागर से उठे महा-चक्रवात को लेकर प्रशासन सचेत है। वहीं, देश की तीनों सेनाएं भी तबाही से निपटने की तैयारी में जुट गई हैं। नौसेना ने गजराज सहित 3 जहाज रेस्क्यू के लिए गुजरात के निकट लगाए हैं। थल सेना की टुकड़ियां भी राहत-बचाव कार्य के लिए तैनात की गई हैं। वायुसेना ने 10 हेलीकॉप्टर तैयार रखे हैं। इससे पहले तटीय इलाकों में एनडीआरएफ की 32 टीमें तैनात की गईं। जबकि 17 टीमें अन्य राज्यों से बुलाई गई हैं। मौसम विभाग ने सूचना दी है कि प्रदेश के मौसम में बदलाव हो रहा है। चक्रवाती तूफान की वजह से तटीय हिस्सों में भारी वर्षा हो सकती है। चक्रवात पोरबंदर से 680 किमी की दूरी पर है, जो 6-7 नवंबर तक गुजरात पहुंचेगा।
मुख्यमंत्री
को
उम्मीद-
कम
हुई
रफ्तार
राज्य
के
मुख्यमंत्री
विजय
रूपाणी
ने
इमरजेंसी
सेंटर
पर
महा
चक्रवात
की
समीक्षा
बैठक
की।
जिसके
बाद
उन्होंने
कहा
कि
चक्रवात
धीमा
पड़
रहा
है।
फिर
भी,
प्रशासन
को
राहत
एवं
बचाव
कार्य
के
निर्देश
दिए
गए
हैं।
मौसम
विभाग
ने
गिर
सोमनाथ,
वडोदरा,
अहमदाबाद,
सूरत,
राजकोट,
भावनगर,
अमरेली,
बोटाद
आदि
शहरों
में
वर्षा
होने
की
संभावना
जताई
है।
मछुआरों
की
हालत
खराब
वहीं,
संवाददाता
ने
बताया
कि
सरकार
के
ऐलान
के
बाद
से
ही
चालू
सीजन
में
मछुआरे
चिंता
में
जी
रहे
हैं।
उन्हें
तीन
बार
समुद्र
में
न
जाने
की
ताकीद
की
गई
है।
जिससे
उन्हें
काफी
नुकसान
उठाना
पड़ा
है।
बोट
एसोसिएशन
के
अध्यक्ष
जीवन
भाई
जुंगी
का
कहना
है
कि
चक्रवात
की
संभावनाओं
को
देखते
हुए
मछुआरे
समुद्र
में
नहीं
जा
पा
रहे
हैं।
वे
एक
खेप
में
वे
एक
से
डेढ़
लाख
रुपए
की
मछलियां
पकड़
लेते
हैं,
किंतु
अब
यह
आय
बंद
हो
गई
है।
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