शत्रु संपत्ति: हिंदुस्तान छोड़कर चीन-पाक में बसे लोगों की गुजरात में 146 संपत्तियां, इन्हें बेचेगी सरकार
गांधीनगर. भारत सरकार देश में मौजूद जिन शत्रु संपत्तियों को बेचने की योजना बना रही है, उनमें से कुछ गुजरात में भी मौजूद हैं। राज्य सरकार की ओर से बताया गया है कि, यहां ऐसी 146 संपत्तियां हैं, जिनसे करीब एक हजार करोड़ रुपये जुटाए जा सकते हैं। इनमें सर्वाधिक 94 शत्रु संपत्तियां राजकोट जिले में हैं। जबकि, अहमदाबाद में 18, पंचमहल में 14, जूनागढ़ में 15 तथा कच्छ में 5 शत्रु संपत्तियां हैं।
क्या
हैं
शत्रु
संपत्तियां,
जिन्हें
बेचेगी
सरकार?
शत्रु
संपत्ति
दरअसल
उस
संपत्ति
को
कहा
जाता
है,
जिनके
असली
मालिक
अब
उपस्थित
नहीं
हैं।
वे
लोग
जो
देश
के
बंटवारे
के
समय
या
उसके
बाद
पाकिस्तान
जाकर
बस
गए
थे,
उनके
जमीन-मकान
यहीं
रह
गए
थे।
उन
जमीन-मकानों
पर
अन्य
स्थानीय
लोगों
ने
कब्जा
कर
लिया,
हालांकि
उनके
पास
इसके
कोई
वैध
दस्तावेज
नहीं
हैं।
ऐसे
संपत्तियों
को
सरकार
अपने
अधिकार
में
लेने
की
शक्ति
रखती
है।
अधिकारियों
का
कहना
है
कि,
सरकार
इन
संपत्तियों
को
बेचकर
कई
लाख
करोड़
रुपए
जुटा
सकती
है।
देश के विभिन्न राज्यों में मौजूद ऐसी संपत्तियों को शत्रु संपत्ति का दर्जा दिया गया है। इनका मालिकाना भारत सरकार के पास है। हाल ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शत्रु संपत्तियों को बेचने का संकेत दिया था। मार्च 2017 में संसद ने शत्रु संपत्ति (संशोधन और मान्यकरण) अधिनियम 2016 पारित किया था।
शत्रु संपत्ति में वह भी शामिल है, जब भारत की चीन-पाक से जंग हुई थीं और उन मोर्चों के निकट रह रहे लोग अपनी जमीन-जायदाद छोड़कर चीन-पाक चले गए थे। ऐसे में भारत सुरक्षा अधिनियम के तहत इन देशों के नागिरकों की जायदाद भारत की ही हुई।
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