कोरोना: अब गुजरात हाईकोर्ट में सिर्फ अर्जेंट केसों की होगी सुनवाई, पक्षकारों की भीड़ पर लगेगा अंकुश
अहमदाबाद. राज्य में कोरोना वायरस के संभावित खतरे को देखते हुए गुजरात हाईकोर्ट के जज ने भी अधिसूचना जारी कर दी है। यहां मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ ने कहा कि, 31 मार्च तक सिर्फ अति आवश्यक मामलों की सुनवाई होगी। इस संबंध में एक अधिसूचना जारी करते हुए उन्होंने लोगों से सतर्कता बरतने की बात भी कही। हाईकोर्ट की अधिसूचना में कहा गया कि मामलों की सूची सामान्य दिनों की तरह डिस्पले होगी और कोर्ट अपने निर्धारित समय 11 बजे बैठेगी। लेकिन इस दौरान सिर्फ वे ही मामले सुनवाई के लिए जाएंगे जिन्हें अति आवश्यक के रूप में लिस्ट किया गया है।
जज ने कहा कि, जिन केसों पर सुनवाई होगी, वो लिस्ट खुद कोर्ट के विवेकाधिकार के अधीन होगी। स्वयं दलील करने वालों (पार्टी इन पर्सन) तथा वकीलों की अनुपस्थिति में किसी तरह का विरोधी आदेश जारी नहीं किया जाएगा। उच्च न्यायालय ने साफ किया कि आगामी 31 मार्च तक सिर्फ अर्जेन्ट मैटर के केसेज की सुनवाई की जाएगी। वहीं, यह भी कहा गया कि, गुजरात हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन (जीएचएए) के अध्यक्ष को यह सुनिश्चित करना होगा कि बार लाइब्रेरी, रेफरेन्स लाइब्रेरी, सभी बार रूम और बार कैन्टीन प्रतिदिन दोपहर बाद एक बजे तक बंद हो जाएं।
पक्षकारों
की
संख्या
घटाने
का
भी
निर्णय
हाईकोर्ट
ने
यह
फैसला
कोर्ट
में
पक्षकारों
की
भीड़
को
देखते
हुए
भी
लिया
है।
ताकि
अब
कुछ
ही
मामलों
की
सुनवाई
होने
पर
कम
से
कम
लोग
अदालत
पहुंचें।
इसके
अनुसार,
31
मार्च
तक
केवल
महत्वपूर्ण
मामलों
पर
ही
सुनवाई
होगी।
मालूम हो कि, कुछ दिनों पहले ही वकीलों से यह अपील की गई थी कि, बार लाइब्रेरी, रेफरेन्स लाइब्रेरी, सभी बार रूम और बार कैन्टीन जैसी सभी जगहों पर भारी संख्या में नहीं बैठेंं। यह अधिसूचना आगामी 31 मार्च या अगले आदेश तक जारी रहेगी।