आशा पटेल की घर वापसी के लिए कांग्रेस ने दिया ऑफर, इधर भाजपा ने किया मेहसाणा से टिकट पक्का
Gujarat News, गांधीनगर। गुजरात कांग्रेस छोड़कर भाजपा की ओर आईं महिला विधायक आशाबेन पटेल (Dr. Asha Patel) अब इन दोनों दलों के ऑफर के बीच फंस गई हैं। कांग्रेस जहां आशा की वापसी कराने के लिए ऑफर कर रही है, वहीं सत्तासीन भाजपा ने उन्हें मेहसाणा से टिकट देने पर आमदा है। ऐसे में अब यह महिला नेता लोकसभा चुनाव से पहले दोनों के लिए साख का सवाल बनती दिख रही हैं। बता दें कि, मुख्यमंत्री विजय रूपाणी से मिलने के बाद उन्होंने उंझा सीट से इस्तीफा दे दिया था।
राहुल गांधी के निर्देशों के बाद आशा की वापसी कराने में जुटी कांग्रेस
आशा पटेल को जहां भाजपा मेहसाणा से अपना चेहरा बनाने में जुटी है, वहीं कांग्रेस मुखिया राहुल गांधी की चेतावनी के बाद गुजरात कांग्रेस के लीडर्स आशा की पार्टी में वापसी कराने के लिए प्रयास कर रहे हैं। हाईकमान के आॅडर्स मिलने के बाद कांग्रेस के शीर्ष नेता और विधायकों ने आशाबेन पटेल से संपर्क साधना शुरू कर दिया है। कांग्रेस ने तय किया है कि, आशाबेन पटेल पार्टी में वापस आती हैं तो उन्हें मेहसाणा से लोकसभा का उम्मीदवार बना दिया जाएगा।
भाजपा किसी भी कीमत पर आशा को कांग्रेस में नहीं जाने देना चाहती
इधर, भाजपा नेताओं ने भी आशाबेन के साथ बैठक की हैं। सूत्रों के मुताबिक, आशा पटेल भाजपा की ओर से मेहसाणा का चेहरा बनने को विचार कर रही हैं। बता दें कि, आशा ने कांग्रेस को छोड़ने से पहले अपने इस्तीफे में कहा था कि पार्टी के संगठन के नेता मेरे खिलाफ साजिश कर रहे हैं। ऐसे में वह अब कांग्रेस में नहीं रहेंगी। ऐसा कहने के बाद वह कांग्रेस छोड़ भाजपा में जाने के लिए तैयार हो गईं। फिर, एशिया के सबसे बड़े ऊंझा मार्केट यार्ड के चेयरपर्सन के लिये उनकी उम्मीदवारी तय कर दी गई।
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कांग्रेस से और पांच विधायक टूटने के आसार
इस बीच, भाजपाई नेतृत्व कांग्रेस से नाराज चल रहे उसके विधायकों को अपने यहां बुलाने के प्रयास में जुटा हुआ है। कांग्रेस पार्टी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, आशा पटेल के बाद पांच और विधायक भी कांग्रेस हाईकमान से नाराज चल रहे हैं। बात उनके इस्तीफे तक पहुंच गई है। ये विधायक भाजपा से संपर्क में भी हैं। वहीं, स्थिति को भांपते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुजरात कांग्रेस को साफ कहा कि सूबे में विधायकों को न टूटने दें। चेतावनी में शीर्ष नेताओं को यह तक कहा गया कि या तो अपना घर ठीक करो, अन्यथा पद छोड़ दो।
अब सवाल ये कि आशा वापस जाती हैं या भाजपा में रहेंगी?
भाजपा-कांग्रेस के बीच आशा पटेल के लिए अपने-अपने स्तर के प्रयास हो रहे हैं। दोनों दलों को लगने लगा है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में मेहसाणा सीट यदि जीतनी है तो आशा पटेल को लाना ही होगा। ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आशाबेन पटेल किस पार्टी से लोकसभा के उम्मीदवार बनती हैं। वे कांग्रेस में वापस जाती हैं या भाजपा से ही आगामी चुनावों (general election 2019) का बिगुल बजाती हैं।