गुजरात को बाल श्रमिक मुक्त बनाने का कानून आया, अब ऐसे कारोबारियों पर होगा 1 लाख जुर्माना
गांधीनर। गुजरात विधानसभा में चल रहे मानसून सत्र में सरकार अब तक कई विधेयक पारित कर चुकी है। इस बार सदन में गुजरात बाल और किशोर श्रम (प्रतिबंध व नियमन) संशोधन विधायक पारित हुआ है। इस कानून के तहत राज्य को बाल श्रमिक मुक्त बनाने में मदद मिलेगी। इसके प्रावधानों के तहत कारोबारियों पर 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है।
संशोधित
विधेयक
पारित
हुआ
बता
दें
कि,
बाल
एवं
किशोर
श्रम
(प्रतिबंध
एवं
नियमन)
संशोधित
विधेयक
को
श्रम
एवं
रोजगार
मंत्री
दिलीप
ठाकोर
की
ओर
से
विधानसभा
में
पेश
किया
गया।
जो
कि,
पारित
भी
हो
गया
है।
अब
सूबे
को
बाल
श्रमिक
मुक्त
बनोन
के
लिए
कई
कड़े
प्रावधान
किए
गए
हैं,
जिसमें
बच्चों
को
किसी
व्यवसाय
और
किशोरों
को
जोखमी
व्यवसायों
में
रखने
वालों
से
एक
लाख
रुपए
जुर्माना
वसूला
जा
सकता
है।
पहले
पचास
हजार
था
जुर्माना
ज्ञातव्य
है
कि,
पहले
पचास
हजार
रुपए
जुर्माना
वसूलने
का
प्रावधान
था।
अब
राज्य
सरकार
का
दावा
है
कि
जुर्माना
की
राशि
बढ़ाने
से
फैक्ट्री
मालिक
बच्चों
को
काम
पर
रखने
से
बचेंगे।
विधेयक
को
पारित
कराते
वक्त
श्रम
एवं
रोजगार
मंत्री
ठाकोर
ने
कहा
कि
गुजरात
औद्योगिक
और
बड़े
पैमाने
पर
रोजगार
देना
वाला
राज्य
है।
ऐसे
में
मालिक
बच्चों
को
किसी
भी
व्यवसाय
या
किशोरों
को
जोखिमकारक
व्यवसाय
में
नहीं
रखें,
यह
जरूरी
है।
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यह
है
भारत
सरकार
का
कानून
केन्द्र
सरकार
की
ओर
से
बाल
और
किशोर
श्रम
(प्रतिबंध
एवं
नियमन)
अधिनियम,
1986
और
वर्ष
2016
के
संशोधन
में
14
वर्ष
से
कम
आयु
वाले
बच्चों
को
किसी
भी
प्रकार
के
कारोबार
में
रखने
पर
प्रतिबंध
है।
वहीं,
18
वर्ष
से
कम
आयु
के
किशोरों
को
भी
हानिकारक
व्यवसायों
में
रखने
पर
रोक
है।