गुजरात: जहां 8 बार जीती कांग्रेस, वहां अहमद पटेल के करीबी 'छोटू' को BJP के खिलाफ देगी समर्थन
Gujarat News in hindi, गांधीनगर। गुजरात में भरूच लोकसभा सीट पर इस बार कांग्रेस-भाजपा अपने-अपने लिए वसावा उम्मीदवारों के लिए दम झोंक रही हैं। एक ओर भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP) के वर्तमान विधायक छोटू वसावा हैं तो दूसरी ओर भाजपा के उम्मीदवार मनसुख वसावा। कांग्रेस के पास अपना मजबूत उम्मीदवार नहीं है तो वह भाजपा के विरुद्ध छोटू वसावा को समर्थन देगी। छोटू का क्षेत्र में अच्छा प्रभाव है, ऐसे में यह सीट भाजपा के लिए खतरा बन गई है।
अहमद पटेल के करीब हैं छोटू वसावा
प्रदेश कांग्रेस से जुड़े अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, अहमद पटेल को राज्यसभा भेजने वाले छोटू वसावा के खिलाफ कांग्रेस उम्मीदवार नहीं खड़ा करेगी। भरूच लोकसभा सीट पर वह भाजपा के उम्मीदवार को हराने के लिये छोटु वसावा का साथ ही देगी। बता दें कि छोटु वसावा ने जब अहमद पटेल को वोट दिया, तब वह बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार की पार्टी जेडीयु के विधायक थे। इस समय भाजपा और जेडीयु का फिर से गठबंधन हो गया। वैसे पहले, बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार के समझाने पर भी उन्होंने भाजपा के तीसरे उम्मीदवार बलवंतसिंह राजपूत को वोट नहीं दिया था। अब छोटू वसावा भाजपा के विरुद्ध चुनाव लड़ने जा रहे हैं।
8 बार जीती कांग्रेस, फिर हो गया भरूच पर भाजपा का कब्जा
भरुच निर्वाचन क्षेत्र में 1952 से लोकसभा का चुनाव होते आ रहे हैं। कांग्रेस ने 1984 तक 8 बार इस सीट पर कब्जा किया है। 1989 में भाजपा के चंदुभाई देशमुख हिंदूत्व के नाम पर भरूच से सीट से चुनाव जीत गए थे। वह 1998 तक चार बार संसद सदस्य रहे। चंदुभाइ देशमुख के निधन के कारण, 1998 के उपचुनाव में भाजपा के मनसुख वसावा ने इस सीट पर जीत दर्ज की, तब से बीजेपी ने भरूच सीट पर उम्मीदवार नहीं बदला। मनसुख वसावा ने पिछले पांच कार्यकाल से सीट जीती है।
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7 कार्यकाल से विधायक रहे हैं छोटू वसावा
भरूच लोकसभा इलाके में झगड़िया के विधायक छोटू वसावा इस बार लोकसभा चुनाव लड़ने वाले हैं। वे 1990 के बाद अपनी विधानसभा सीट पर विजयी हो रहे हैं। वह सात कार्यकाल से विधायक हैं। वह पहले जन दल में, फिर जनतादल (यु) और अंत में 2017 में अपनी खुद की भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP) के साथ चुनाव लड़े थे।
इसलिए
भी
'छोटू'
पर
मेहरबान
है
कांग्रेस
गुजरात
में
पिछले
दिनों
तीन
खाली
सीटों
पर
राज्यसभा
का
चुनाव
हुआ
था
तब,
कांग्रेस
विधायक
बलवंत
सिंह
राजपूत
ने
कांग्रेस
से
इस्तीफा
देकर
भाजपा
ज्वॉइन
की
थी।
भाजपा
ने
राज्यसभा
में
कांग्रेस
के
मुख्य
उम्मीदवार
अहमद
पटेल
को
हराने
के
लिये
तीसरा
उम्मीदवार
के
तौर
पर
बलवंतसिंह
को
मैदान
में
उतारा
था।
भाजपा
को
लगता
था
कि,
कांग्रेस
के
सीनियर
नेता
अहमद
पटेल
हार
जायेंगे,
क्योंकि
कांग्रेस
के
बागी
विधायक
भाजपा
औऱ
उनके
तीसरे
उम्मीदवार
बलवंतसिंह
को
समर्थन
कर
रहे
थे।
कांग्रेस
के
अहमद
पटेल
चुनाव
हार
भी
जाते
अगर
जेडीयु
विधायक
छोटु
वसावा
ने
कांग्रेस
के
उम्मीदवार
अहमद
पटेल
को
वोट
नहीं
दिया
होता।
राज्यसभा
में
अहमद
पटेल
की
जीत
का
सबसे
बडा
श्रेय
छोटु
वसावा
को
जाता
है।
तब
से
वसावा
अहमद
पटेल
के
बहुत
ही
करीबी
मित्र
हैं।