अदाणी के समधी जतिन मेहता पर 7 हजार करोड़ की धोखाधड़ी के आरोप, CBI ने मारे छापे
गांधीनगर। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने गुजरात में विनसम डायमंड एंड ज्वैलरी ग्रुप के मालिक जतिन मेहता के ठिकानों पर छापे मारे हैं। जतिन मेहता पर 7 हजार करोड़ लेकर फरार होने का आरोप हैं। वर्ष 2012 से वह किसी को मिल नहीं पा रहे हैं। जतिन देश के बड़े कारोबारियों में से एक अडाणी फैमिली से ताल्लुक रखते हैं। रिश्ते में वे गौतम अदाणी के समधी लगते हैं। संवाददाता के अनुसार, जतिन ने बैंक ऑफ़ इंडिया की ओपेरा ब्रांच के साथ 82.55 करोड़, यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया की फ़ोर्ट ब्रांच के साथ 264.15 करोड़ और बैंक ऑफ़ फ़ोर्ट ब्रांच के साथ 323.40 करोड़ की धोखाधड़ी की।
इस मामले में सीबीआई ने देश में मौजूद उनके कई ठिकानों पर छापेमारी की है, जिनमें अहमदाबाद, मुंबई, कोयम्बटूर और ठाणे शहर शामिल हैं। सूरत के कतारगाम मार्केट में स्थित प्रमुख डायमंड ग्रुप, सूरत के विनसम डायमंड एंड ज्वैलरी, के खिलाफ सीबीआई द्वारा तीन से अधिक शिकायतें दर्ज करके लगभग 700 करोड़ की कथित ठगी के सिलसिले में यह कार्रवाई हुई है। बता दें कि, जतिन मेहता विनसम डायमंड एंड ज्वैलरी लिमिटेड के मुख्य प्रमोटर हैं।
इस बैंक-धोखाधड़ी में स्टैंड-बाय-लेटर क्रेडिट लिया गया था, जिसमें जतिन मेहता द्वारा लंदन सहित विदेशी बैंकों द्वारा सोना खरीदा गया था। इस सोने को खरीदने के बाद, इसे जोर्डन के उद्योगपति हथ्यम सलमान अली अबू ओबेदाह को बेच दिया गया, जिसने 13 अन्य व्यापारियों को बेच दिया गया था। हालाँकि, प्राप्त ऋण की राशि बैंकों को वापस नहीं की गई थी। उन्होंने मुंबई के तीन बैंकरों के साथ लेटर ऑफ क्रेडिट को धोखा दिया।
सीबीआई टीम ने जांच कार्यवाई शुरू की है और महत्वपूर्ण सबूत एकत्र किए हैं। सीबीआई ने जतीन महेता के अलावा रमेश पारिख, रवि चंद्रन रामासामी, हरीश रतिलाल मेहता और बॉम्बे डायमंड कंपनी के कुछ अधिकारियों को और बैंकों के कुछ अधिकारियों को आरोपी दिखाया है। फिलहाल जतिन मेहता फरार है और जांच का सिरा सूरत तक बढ़ा दिया गया है।
सीबीआई ने विनसम डायमंड और ज्वैलरी के खिलाफ दो शिकायतें दर्ज की हैं। जतीन मेहता के खिलाफ शिकायत में एक विदेशी नागरिक का नाम भी शामिल है। सीबीआई ने बैंक घोटाले में जतीन मेहता और अन्य के खिलाफ नौ शिकायतें दर्ज की हैं।