हिंदुस्तान में आतंकी हमला न करा दे पाकिस्तान, इसलिए अब बॉर्डर पर तैनात हुए 'क्रीक क्रोकोडाइल कमांडो'
गांधीनगर। जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर जमकर शोर-शराबा मचाने के बावजूद दुनिया में भारत के खिलाफ माहौल बनाने में नाकाम पाकिस्तान अब आतंक का ही रास्ता अख्तियार किए हुए है। पाकिस्तान ने अपना पूरा जोर भारत में घुसपैठ कराकर आतंकी हमला कराने और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने पर लगा दिया है। इसके लिए पाकिस्तान की मरीन सिक्योरटी से लेकर कुख्यात आतंकी संगठनों की साजिशें चल रही हैं। खतरे को भांपते हुए भारतीय नौसेना, तटरक्षक बल, बीएसएफ एवं खुफिया एजेंसियां हाईअलर्ट पर हैं। नौसेना ने पाकिस्तान के नजदीकी पोर्ट्स और आईलैंड्स पर अतिरिक्त पेट्रोलिंग टीम भेजी हैं। साथ ही संवेदनशील बंदरगाहों पर चौकसी बढ़ाई गई है। कांडला, कच्छ और पोरबंदर जैसे स्थानों पर घुसपैठ का खतरा ज्यादा बताया जा रहा है। बीएसएफ ने कच्छ के सरक्रीक क्षेत्र में अब नए तरह के कमांडो तैनात किए हैं।
कच्छ में तैनात हुई अब बीएसएफ की खास सिक्योरटी टीम
यह कमांडो हैं 'क्रीक क्रोकोडाइल कमांडो'। इन कमांडोज की टीम कच्छ में हरामी नाला के 22 किलोमीटर खंड के पास तैनात की गई है। यहां बॉर्डर के उस पार से पाकिस्तान के प्रशिक्षित कमांडो खौफनाक साजिश रच रहे हैं। ऐसे में पाकिस्तान के एक प्रत्याशित हमले का मुकाबला करने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) क्रीक क्रोकोडाइल कमांडोज का सहारा लेगी। बता दें कि, सरक्रीक क्षेत्र भारत और पाकिस्तान के बीच इंटरनेशनल बॉर्डर निर्धारित करता है।
पाक प्रशिक्षित कमांडो और आतंकी उसपार से घुस सकते हैं
इंटेलीजेंस इनपुट में आशंका जताई गई है कि पाकिस्तान के प्रशिक्षित एसएसजी कमांडो या आतंकवादी छोटी नौकाओं का उपयोग करके कच्छ की खाड़ी और सर क्रीक क्षेत्र में प्रवेश करने की कोशिश करेंगे। ऐसे में राज्य के दो मुख्य बंदरगाह, कांडला और मुंद्रा में हाई अलर्ट घोषित किया जा चुका है। पिछले दिनों भारतीय नौसेना के अध्यक्ष ने कहा भी था कि पाक परस्त आतंकी इस बार समुद्र के अंदर से वार कर सकते हैं। पानी के भीतर से हमलों को अंजाम देने के लिए देश के दुश्मन अरसे से जुटे हैं।
सरक्रीक क्षेत्र में बीएसएफ द्वारा गश्त करना मुश्किल था
बीएसएफ के एक सीनियर आॅफिसर के मुताबिक, सरक्रीक जैसे क्षेत्र में पाकिस्तानी बोट्स देखी जा चुकी हैं। यहां गश्त करना काफी मुश्किल है। ऐसे में एटीवी को सीमा क्षेत्र में सीमा चौकियों पर तैनात किया गया है। ये कमांडो पानी और जमीन पर लड़ाई में अच्छी तरह से प्रशिक्षित होते हैं और सीमा पार से किसी भी हमले को नाकाम कर सकते हैं।
2014 में गठित हुई थी क्रीक क्रोकोडाइल कमांडो की इकाई
क्रीक क्रोकोडाइल कमांडो के रूप में बीएसएफ की पहली कमांडो इकाई, 2014 में बनाई गई थी। अब वह दुश्मन के इलाके के नजदीक तैनात किए गए हैं। देश की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त बलों को भी सीमा पर भेजा गया है।
56 निर्जन टापू आतंकियों के लिए सॉफ्ट टार्गेट
कच्छ के अलावा राज्य की समुद्री सीमा के 56 निर्जन टापुओं पर भी सख्त निगरानी की जा रही है। ये वे टापू हैं, जो आतंकियों की घुसपैठ के लिए सॉफ्ट टार्गेट हैं। अब से पहले भी इन टापुओं का दुरुपयोग अपराध के लिए हो चुका है। ऐसे में समुद्र के इन सुनसान टापुओं पर ड्रोन से निगरानी रखी जा रही है। इनमें से कई टापू पानी में डूब गए हैं, वहां भी सिक्योरटी फोर्सेस पेट्रोलिंग कर रही हैं।
इन टापुओं से पहले भी हुई घुसपैठ
गुजरात का समुद्र तट 1600 कि.मी. लम्बा है। इसके किनारों में 56 निर्जन टापू हैं। बताया जाता है कि मुम्बई में 1993 में हुए सीरियल बम ब्लॉस्ट में जो हथियार पहुंचाए गए थे, वो यहीं से होकर गए। आतंकियों ने पोरबंदर के पास गोसाबारा में हथियार उतरवाए थे। तब से ये टापू सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का सबब बने हुए हैं। पाकिस्तान मरीन सिक्योरटी लगातार घुसपैठ की कोशिश करती रही है।
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घुसपैठ कराने के लिए पाक ने 100 कमांडो भेजे
पिछले दिनों पाकिस्तानी सेना ने सर क्रीक क्षेत्र में एसएसजी कमांडो तैनात कर दिए। इन कमांडोज की संख्या 100 बताई जा रही है। ऐसा माना जा रहा है कि ये कमांडो भारत के खिलाफ रची जा रही साजिशों में आतंकियों को कवर दे सकते हैं।
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गुजरात पुलिस भी चौबीसों घंटे गश्त कर रही
गुजरात पुलिस ने भी समुद्र तट पर अपनी क्षमताओं को बढ़ाया है और समुद्री पुलिस ने चौबीसों घंटे गश्त शुरू कर दी है। एटीएस के अधिकारी, जिन्हें हाल ही में तटीय सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है उन्होंने कहा, हम लगातार सतर्कता बरत रहे हैं। यह सच है कि पाकिस्तान हमले की फिराक मे हैं। वह सीधे हमला नहीं कर पाएगा, तो आतंक का सहारा लेता है।'