मानसून से पहले आपदा प्रबंधन में जुटी गुजरात सरकार, रेस्क्यू कराने के लिए ISRO और NDRF के प्रजेंटेशन दिए
Gujarat news in Hindi , गांधीनगर। आगामी मानसून को ध्यान में रखते हुए गुजरात में सरकार आपदा प्रबंधन व्यवस्था की तैयारी में जुट गई है। उच्च अधिकारिक बैठक को संबोधित करते हुए राज्य के मुख्य सचिव जेएन सिंह ने कहा कि मानसून की संभावित आपदाओं से लड़ने के लिए प्री-मानसून प्लान सबसे अच्छा तरीका है। जेएन सिंह ने बैठक में गुजरात में आने वाले तूफान, बाढ़, चक्रवात आदि का जिक्र किया। इस दैरान ISRO द्वारा उपग्रह प्रौद्योगिकी के उपयोग एवं NDRF द्वारा आपदा प्रबंधन की तैयारी से जुडे प्रेजटेंशन दिए गए। साथ ही सेना की तीन विंग, टेलीफोन, रेलवे एवं एसटी जैसे विभागों के माध्यम से लेकर संचार सुविधाओं का भी ब्यौरा साझा किया गया।
जेएन सिंह ने यह भी कहा आपदा के सामने नियोजित योजना की वजह से ही संभावित तबाही से होने वाला नुकसान कम किया जा सकता है। राज्य के सभी जिलों, ख़ास कर तटीय जिलों में आपदा के लिये सुसज्जित रहने का ज़िला कलेक्टरों को आदेश दिया है। राज्य की प्रशासनिक प्रणाली के विभिन्न विभागों द्वारा तैयार आपदा प्रबंधन योजना और इसके कार्यान्वयन के बारे में चर्चा की गई है।
इस अवसर पर, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अरविंद अग्रवाल ने मानसून के दौरान विभिन्न आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया। जबकि, राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पंकज कुमार ने कहा कि पिछले वर्षों के अनुभवों से सीखे गए पाठों को अगली आपदा प्रबंधन योजना में शामिल किया गया है। राज्य के पुलिस चीफ शिवानंद झा ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए। इस बैठक में, मुख्य सचिव ने राज्य के विभिन्न वर्गों के संभावित विघटन के लिए तैयारियों की समीक्षा की, जबकि भारतीय मौसम विभाग के निदेशक जयंत सरकार ने अलनीनो और हिंद महासागर डायपोल सिस्टम को मानसून के प्रभाव के बारे में बताया और मानसून के बेहतर होने की संभावना व्यक्त की।
बता दें कि, बैठक का आयोजन राज्य राहत निदेशक, एमआर कोठारी द्वारा किया गया था। बैठक में, राज्य प्रशासनिक प्रणाली के उच्च अधिकारी उपस्थित थे और उन्होंने संभावित आपदा के सामने लड़ने के लिये विभिन्न सुझाव दिए।
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