गुजराती गैंग ने बना दी बिटकॉइन जैसी करंसी, लोगों को दिया डबल करने का झांसा, हड़पे लाखों
गांधीनगर। बिटकॉइन के मामले सामने आने के बाद गुजरात में अब केबीसी कॉइन नाम की क्रिप्टोकरंसी लाने वाली गैंग हत्थे चढ़ी है। क्राइम ब्रांच ने गैंग के तीन सदस्यों को पकडा है। पूछताछ में सामने आया कि उन्होंने इस तरह की करेंसी के जरिए लोगों से लाखों रुपए का निवेश करा लिया था। देश में क्रिप्टोकरेंसी बैन है, बावजूद इसके गुजरात में काफी लोग इसमें इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं। इस तरह की करेंसी के जरिए लोगों को पैसा डबल या त्रिपल करने का लालच दिया जाता है। बाद में गैंग रुपए हडप लेती हैं। क्राइम ब्रांच ने सूरत में लोगों से 1.26 करोड रुपए का निवेश कराने वाले 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इन लोगों पर आरोप लगाए गए थे कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मंजूरी के बिना केबीसी नाम से क्रिप्टो करेंसी जारी कर दी। जब लोगों से पैसे ठग लिए गए तो ये अपना कार्यालक को ताला मारकर फरार हो गए थे।
संवाददाता के अनुसार, सूरत में रहने वाले राजेश माणीया ने केबीसी कॉइन के मालिक एवं प्रबंधक और प्रमोटर बलजीतसिंह लश्करीया, पालनपुर के आशीक शेख, महेसाना के विजय प्रजापति, सूरत के रमणीक पटेल, भरूच के कमरूद्दीन सैयद और मेहसाणा के अन्य एक धीरज पटेल के खिलाफ सीआईडी क्राइम में शिकायत दर्ज की थी। इन सभी आरोपियों ने आरबीआई से बिना किसी अनुमति के केबीसी नाम की मुद्रा जारी की थी और लोगों को ठगने का काम कर रहे थे। एक कॉइन की किंमत 10 पैसा रखी गई थी। प्रमोटरों का कहना था कि, कोई भी व्यक्ति इसमें इंवेस्ट करेगा तो उसको शोर्ट टाइम में अच्छा मुनाफा होगा। इसके साथ ही कोई भी व्यक्ति अन्य इंवेस्टर को लायेगा उनको अच्छा कमिशन भी मिलेगा।
आरोपियों ने निवेशकों के साथ धोखाधड़ी करके 1,26,55,550 रुपये वसूल लिए। इन्वेस्टर्स को कोई मुनाफा या कमिशन नहीं दिया। केबीसी कॉइन में निवेश करने वाले व्यक्ति जब अपना कमीशन लेने के लिये ऑफिस गये तो पता चला कि, ऑफिस बंद करके सभी आरोपी फरार हो चुके थे। निवेशकर्ताओं को अपने रुपए भी वापस नहीं मिले। जिसके बाद राजेश माणीया नाम के व्यक्ति की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने विजय प्रजापति, धीरज पटेल और कमरूद्दीन सैयद को गिरफतार कर लिया। अन्य तीन आरोपी अभी भी फरार हैं।