40 हजार करोड़ से गुजरात के 3 शहरों में पहुंचेगी मेट्रो, PPP लागू कराएगी मोदी सरकार
Gujarat News, गांधीनगर। मेट्रो रेल प्रोजेक्ट में अहमदाबाद के बाद अब गुजरात के तीन शहर और जुड़ गए हैं। इस प्रोजेक्ट के तहत सूरत, राजकोट और वडोदरा में मेट्रो दौड़ सकती है। इसके लिए तीनों नगर निगम के आयुक्त ने मेट्रो रेल प्रोजेक्ट शुरू करने के लिये गुजरात सरकार के सामने अपने-अपने प्रस्ताव रखे हैं। इन शहरों में मेट्रो रेल प्रोजेक्ट में 40 हजार करोड़ रुपये की लागत का अनुमान है।
पीपीपी मॉडल के तहत मोदी सरकार ने दी सहमति
तीन शहरों में मेट्रो दौड़ने के प्रस्ताव को केंद्र की मोदी सरकार ने सहमति दे दी है। हालांकि, मोदी सरकार ने इन प्रोजेक्ट्स के लिए गुजरात सरकार से पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) अपनाने के लिए कहा है। यानी, निजी निवेश के जरिए काम हो। इससे निवेशकों के लिए एक बड़ा मौका खुल जाएगा। बता दें कि, नई मेट्रो परियोजना के लिए केंद्र सरकार ने पीपीपी को अनिवार्य कर दिया है। ऐसे में अब इन शहरों में भी पीपीपी मॉडल ही काम आ सकता है। इस परियोजना में अब निजी संसाधनों, विशेषज्ञता और उद्यमिता का व्यापक रूप से उपयोग किया जा सकता है।
पहले अनिल अंबानी थे शामिल
अहमदाबाद-गांधीनगर मेट्रो रेल का काम पहले अनिल अंबानी को दिया गया था, हालांकि कहा जाता है कि उन्होंने ये प्रोजेक्ट शुरू करने के बजाय वायेबिलिटी नहीं होने के कारण छोड़ दिया। केंद्र सरकार की दिलचस्पी के बाद फिर यह प्रोजेक्ट शुरू किए गए। अब जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (Japan International Cooperation Agency - JICA) इसमें शामिल हुई है। जिसने 5968 करोड़ रुपए की मदद की बात कही है।
एक साल में गुजरात में बढ़ गए 10 लाख से भी ज्यादा वोटर, साढ़े 4 करोड़ लोग करेंगे लोकसभा चुनाव में वोट
इन 4 शहरों के लिये पीपीपी ही प्राथमिकता में
गुजरात सरकार के शहरी विकास विभाग से जुड़े अधिकारी के अनुसार, अहमदाबाद के बाद सूरत और राजकोट मेट्रो रेल परियोजनाओं के प्रस्ताव के उपर नगर निगम आयुक्तों को तैयारी करने को कहा है। उनको ये भी कहा है कि, इन चार शहरों के लिये वह पीपीपी मोड की संभावनायें देखें। अपर्याप्त उपलब्धता और पिछड़े क्षेत्रों में लिंकअप की असुविधा को ध्यान में रखते हुए, नई नीति मेट्रो स्टेशन के किसी भी तरफ पांच किलोमीटर के क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करना चाहती है, जिसके लिए राज्य सरकारों को फीडर सेवाएं, वोकिंग, साइकिलिंग मार्ग और पैरा-ट्रांसपोर्ट सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। नई मेट्रो परियोजनाओं के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करने वाली राज्य सरकारों को परियोजना रिपोर्ट में ऐसी सेवाओं के लिए आवश्यक प्रस्तावों और निवेश का आधार देना होगा।
14% की आर्थिक मध्यवर्ती दर पर 8% की वित्तीय समावेशन दर
नीति में वैश्विक नीतियों को ध्यान में रखते हुए, मेट्रो परियोजनाओं के महत्वपूर्ण सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय लाभों को ध्यान में रखते हुए, मेट्रो परियोजनाओं की अनुमति देने के लिए 14% की आर्थिक मध्यवर्ती दर पर वर्तमान 8% की वित्तीय समावेशन दर दी गई है। मेट्रो परियोजनाओं की वित्तीय व्यवहार्यता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से नई मेट्रो रेल नीति में, राज्य सरकारों को परियोजना रिपोर्ट में एक स्पष्ट संकेत देना होगा कि स्टेशनों और अन्य शहरी भूमि पर वाणिज्यिक/संपत्ति विकसित करने और किराये, विज्ञापन, स्थान, आदि के लिए अधिकतम आय उत्पन्न करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।
देश के 8 शहरों में दौड़ रहीं मेट्रो, 23 में तैयारी
मेट्रो रेल भारत के 8 शहरों में सेवा दे रही है। इसके अलावा 23 अन्य शहरों में मेट्रो का काम चल रहा है। अगर गुजरात के 3 शहरो में मेट्रो रेल परियोजना शुरू होती है, तो 40 हजार करोड़ से ज्यादा लागत आने के आसार हैं, जिसके लिये सरकार को प्राइवेट प्लेयर्स आमंत्रित करने होंगे।