कभी पाक में डाले थे वोट, इस बार बन गए हिंदुस्तानी वोटर, बताया- 2 देशों में वोट डालकर कैसा लगा
Lok sabha elections 2019 News, गांधीनगर। पाकिस्तान से आकर गुजरात में बसे बहुत से परिवारों ने लोकसभा चुनाव 2019 के लिए बतौर भारतीय मतदाता अपना वोट डाला। इन लोगों को सरकार ने भारतीय नागरिकता दी, जिसके बाद चुनाव आयोग से उन्हें वोटर आईडी मिलीं। पाकिस्तान मूल के सैकड़ों हिंदुओं ने राज्यभर के विभिन्न हिस्सों में मतदान किया, हालांकि फिर भी ऐसे काफी लोग वोट डाले बिना रह गए जो भारतीय नागरिक घोषित किए जा चुके थे। उनके मतदान से विमुख रहने के पीछे की बड़ी वजह यह रही कि अभी तक उन्हें मतदान का अधिकार नहीं मिला।
51 वर्षीय नंदलाल मेघवानी ने लोकसभा चुनाव में पहली बार वोट डाला
राज्य के कच्छ और अहमदाबाद समेत कई जिलों में पाकिस्तान मूल के हिंदू बरसों से रह रहे हैं। जिनमें से बहुत से परिवारों के लोग ऐसे हैं, जो कभी पाकिस्तान में मतदान करते थे, अब वे हिंदुस्तान में वोट डालते हैं। अहमदाबाद में रह रहे 51 वर्षीय नंदलाल मेघवानी ने लोकसभा चुनाव में पहली बार मतदान किया। उनका कहना है कि वो घाटलोडिया बूथ से एक मात्र व्यक्ति थे, जिन्होंने पाकिस्तान के साथ-साथ भारत में भी अपना मत डाला है। मेघवानी हिंदुओं के ही एक समूह के हैं, जिन्होंने पिछले कुछ दशकों पहले पाकिस्तान से भारतीय नागरिकता ग्रहण करने के लिए पलायन किया था।
'हमें 18 साल बाद भारतीय नागरिकता मिली'
मेघवानी ने यह भी बताया कि उन्हें 18 साल बाद भारतीय नागरिकता मिली। वोट डालने के लिए उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव से ऐन पहले अपनी वोटर आईडी मिली। यहां उनके परिवार के चार सदस्यों ने उनके साथ मतदान किया। उन्होंने आगे कहा, "मुझे भारत में मतदान करने का जो मौका मिला है, यह एक ऐसा दिन है जिसे मैं ताउम्र याद रखूंगा। मैं पाकिस्तान के थारपारकर जिले में रहा करता था। मुझे याद है कि बेनजीर भुट्टो के चुनाव लड़ने पर पाकिस्तान में मेरा आखिरी वोट पड़ा था।"
'भाग्यशाली हैं जो दो अलग-अलग देशों में वोटिंग का मौका मिला'
बता दें कि, मेघवानी ने अपने तीन बच्चों के लिये गुजरात में वोटर आइडी के लिये नामांकन कराया है। मेघवानी के अलावा सरदारनगर के 51 वर्षीय नानकमल चंदवानी और उनकी पत्नी पुष्पाबेन 2000 के दशक में पाकिस्तान में मतदाता थे। वे 2009 में पाकिस्तान के सिंध से भारत आए थे। दंपति 2017 में नागरिक बन गए, लेकिन विधानसभा चुनाव के लिए समय पर नामांकन नहीं कर सके। उन्होंने पहली बार भारतीयों के रूप में मतदान किया। चंदवानी ने कहा, हम भाग्यशाली हैं जो हमें दो अलग-अलग देशों में वोट करने का मौका मिला।
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अहमदाबाद में 500 से ज्यादा नागरिक पाकिस्तान मूल के
रिकॉर्ड के मुताबिक, अहमदाबाद में 500 से ज्यादा नागरिक पाकिस्तान मूल के हैं, वे हाल के दशकों में ही वहां से भारत में आकर बसे। हालांकि, इसी शहर में अभी ऐसे काफी लोग हैं जो मतदाता नहीं बने हैं। 40 वर्षीय खारवानी और उनकी पत्नी खेमिया उनमें से हैं। वे 2009 में कराची से आए थे और अहमदाबाद के वेजलपुर में बस गए थे। उन्हें जून 2018 में भारतीय नागरिकता मिल गई, लेकिन उनके नाम में त्रुटि के कारण मतदाता नहीं बन सके। जानकारी मिली है कि पाकिस्तान के लगभग 150 लोग मतदान के लिए नामांकन नहीं कर सके, हालांकि उन्हें भारतीय नागरिकता दी गई है।