नैनो हुई विफल तो गुजरात में युवी कार बनाने लगी टाटा मोटर्स, रोज 500 कारों का रखा लक्ष्य
Gujarat news, गांधीनगर। गुजरात में नैनो कार के लिए फेमस टाटा मोटर्स के साणंद स्थित प्लांट में अब इलेक्ट्रिक व्हिकल युवी कारों का उत्पादन किया जा रहा है। कंपनी ने अब नैनो कार बनाना बंद कर दिया है, क्योंकि सस्ती होने के बावजूद उसे खरीदार नहीं मिल रहे। ऐसे में कंपनी ने साणंद प्लांट कॉमर्शियल व्हिकल्स का निर्माण भी शुरू कर दिया है। अपने युवी कार के मॉडल्स भी यहीं विकसित किए जा रहे हैं।
एक
लाख
में
मिली
रही
थी
नैनो,
लेकिन
दे
गई
गच्चा
रतन
टाटा
ने
एक
लाख
रुपये
की
नैनो
कार
का
सपना
देखा
और
उसे
पूरा
भी
किया।
हालांकि,
बाद
में
इस
कार
की
डिमान्ड
कम
होने
के
कारण
कंपनी
ने
अपने
गुजरात
के
प्लांट
में
नैनो
कार
बनाने
का
प्रोजेक्ट
फ्रीज
कर
दिया।
कंपनी
ने
तय
किया
है
की
उनकी
टियागो
और
टिगोर
कारों
की
मांग
को
सामने
रखते
हुए
साणंद
प्लांट
में
इन
दो
वेरियंट
का
100
पर्सेंट
उत्पादन
करेगी।
टिगोर
औऱ
टियागो
कार
के
मॉडल्स
बढ़े
कंपनी
के
प्रवक्ता
ने
बताया
कि
टाटा
मोटर्स
साणंद
में
टिगोर
के
इलेक्ट्रिक
वेरियंट
का
उत्पादन
करना
शूरू
किया
है
और
2020
तक
साणंद
प्लांट
को
सेन्टर
ओफ
मेन्युफेक्चरींग
एक्सेलन्स
बनाने
का
लक्ष्य
बनाया
है।
कंपनी
अब
टिगोर
औऱ
टियागो
कार
के
मॉडल्स
का
उत्पादन
तेजी
से
बढा
रही
है।
ऐसे
बनाई
गई
थी
नैनो
नैनो
का
जन्म
एक
खतरनाक
दोपहिया
वाहन
की
सवारी
करने
के
बजाय
एक
सुरक्षित
और
सस्ती
पारिवारिक
कार
खरीदने
के
इरादे
से
हुआ
था।
जून
2017
को
घरेलू
बाजार
में
केवल
तीन
नैनो
की
बिक्री
हुई
थी।
टाटा
मोटर्स
के
नियामक
ने
कहा
था
कि
जून
में
एक
भी
नैनो
को
निर्यात
नहीं
किया
गया
था।
जून
2017
में
275
नैनो
कार
का
उत्पादन
किया
गया
था
और
जून
2018
में
केवल
एक
नैनो
का
उत्पादन
किया
गया
था।
जबकि
पिछले
साल
जून
में
167
नैनो
की
बिक्री
हुई
थी।
कारों
की
संख्या
पांच
लाख
से
अधिक
हो
गई
जनवरी
2008
में
नेनो
को
पहली
बार
ऑटो
एक्सपो
में
पेश
किया
गया
था।
इसे
लेकर
कई
उम्मीदें
थीं,
जिन्हें
साकार
नहीं
किया
जा
सका।
जब
इसे
मार्च
2009
में
लोंच
किया
गया
था
तब
बेस
मॉडल
की
कीमत
1
लाख
रुपये
रखी
थी।
नेनो
के
अलावा
अन्य
कार
बनाने
की
वजह
से
जनवरी
2017
में
तीन
लाख
कारों
के
उत्पादन
स्तर
तक
पहुंचने
के
बाद,
जनवरी
2018
में
यह
अंक
चार
लाख
कार
के
उत्पादन
को
पार
कर
गया
था
और
अब
साणंद
प्लांट
में
बनी
कारों
की
संख्या
पांच
लाख
से
अधिक
हो
गई
है।
प्रतिदिन
500
कारें
बनाएगी
कंपनी
टाटा
का
साणंद
प्लांट
हर
दिन
450
नई
कारें
बनाता
है।
टाटा
मोटर्स
सालाना
1.50
लाख
की
क्षमता
का
दावा
कर
रही
है।
साल
के
अंत
में
कंपनी
प्रति
दिन
500
कारें
बनाएगी।
सानंद
प्लांट
मेंकंपनी
लगभग
35
फिसदी
नवीकरणीय
ऊर्जा
का
उपयोग
करती
है
और
इसके
द्वारा
आठ
करोड़
रूपये
की
लागत
बचती
है।
देश
के
20
शहरों
तक
पहुंचने
की
योजना
दूसरी
ओर
सरकार
को
इलेक्ट्रिक
वाहनों
की
आपूर्ति
करने
के
लिये
टाटा
मोटर्स
ने
अब
सेल्फ-ड्राइव
रेंटल
कंपनी
जूमकार
के
साथ
साझेदारी
की
है
और
500
टिगोर
इलेक्ट्रिक
वाहनों
की
पेशकश
करेगी।
टाटा
टिगोर
ईवी
की
आपूर्ति
केवल
पुणे
में
परिचालन
के
लिए
की
जा
रही
है।
अगले
साल
तक
कंपनी
अपनी
500
इलेक्ट्रिक
कारों
के
साथ
देश
के
20
शहरों
तक
पहुंचने
की
योजना
बना
रही
है।
टाटा
मोटर्स
गुजरात
के
साणंद
प्लांट
में
भी
टिगोर
इलेक्ट्रिक
कार
का
उत्पादन
करती
है।