गांधीनगर न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

गुजरात में हुई भारी बारिश के बाद अब मंडरा रहा मलेरिया-डेंगू का खतरा, महामारी का अलर्ट

Google Oneindia News

गांधीनगर। मानसून के बाद गुजरात में मलेरिया, डेंगू एवं महामारी का खतरा पैदा हो गया है। यहां स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को संभावित महामारी के खिलाफ तैयार रहने का निर्देश दिया गया है। मेडिकल कॉलेज संबद्ध अस्पतालों से डेंगू का निदान करने के लिए कहा गया है। उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री नितिन पटेल का कहना है कि जल जनित रोग बढ़ने लगे हैं। मानसून के दौरान इस बार राज्य में भारी वर्षा हुई, जिसके बाद राज्य में मलेरिया और डेंगू की समस्या पनपने लगी है।

उप मुख्यमंत्री ने कहा हालात काबू करने होंगे

उप मुख्यमंत्री ने कहा हालात काबू करने होंगे

उप मुख्यमंत्री ने खतरे को भांपते हुए राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ गांधीनगर में चालन और जलीय महामारी को नियंत्रित करने के लिए समीक्षा बैठक आयोजित की। जिसमें पटेल ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की ज़िम्मेदारी है कि लोग इसका शिकार न हों। नितिन पटेल ने दावा किया कि पिछले वर्ष की तुलना में जुलाई से राज्य में मलेरिया के मामलों में 49.4 प्रतिशत की कमी आई है। इसी तरह, चिकनगुनिया के मामलों में 12 प्रतिशत की कमी आई है। जिन मामलों में महानगर पालिकाओं में डेंगू के कुछ मामले देखे जा रहे हैं, उन क्षेत्रों में दवाओं के छिड़काव सहित विभिन्न उपायों को इन क्षेत्रों में निगरानी अभियान तेज करने का आदेश दिया गया है।

दवाओं के छिड़काव को तेज कराया

दवाओं के छिड़काव को तेज कराया

उन्होंने कहा कि जिन शहरों में मलबे का कारोबार करने वालों की बड़ी तादाद है, वहां पानी के कारण खतरा बढ रहा है, इन जगहों पर विशेष अभियान चलाया जाना चाहिए और ऐसी जगहों पर दवाओं के छिड़काव को तेज किया जाना चाहिए। इसके अलावा, मच्छरों के नियंत्रण के लिए इस्तेमाल होने वाली गप्पी मछली का प्रसार किया जाना चाहिये, जो मलेरिया के संक्रमण को कम करती है।

कर्मचारियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई

कर्मचारियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई

उन्होंने राज्य स्तर से प्रवाहकीय रोगों की स्थिति की निरंतर निगरानी करके जिला स्तर के संचालन को और अधिक गहन बनाने का सुझाव दिया औऱ कहा कि, हमने नागरिकों से मलेरिया के मामलों के त्वरित निदान और तेजी से उपचार के लिए हेल्पलाइन का उपयोग करने की अपील की है। नितिन पटेल ने आगाह किया कि राज्य सरकार उन अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रोत्साहित करेगी जो बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे और उन जिलों के कर्मचारियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करेगी जिनका प्रदर्शन खराब है।

राज्य में 36 डायग्नोस्टिक केंद्र

राज्य में 36 डायग्नोस्टिक केंद्र

डेंगू के मामलों के त्वरित निदान के लिए राज्य में मेडिकल कॉलेज संबद्ध अस्पताल और सामान्य अस्पताल में 36 डायग्नोस्टिक केंद्र हैं। उन केंद्रों पर NS1 टाइप डायग्नोस्टिक किट भी उपलब्ध कराए गए हैं। इसके साथ ही, राज्य में मच्छरों के प्रजनन को नियंत्रित करने के लिए छह वेक्टर नियंत्रण दल बनाए गए हैं। राज्य में वर्तमान में स्वाइन फ्लू का कोई मामला नहीं है, हालांकि, राज्य सरकार द्वारा स्वाइन फ्लू के लिए परीक्षण सहित सभी प्रकार के उपचार मुफ्त में प्रदान किए जाते हैं।

पीने के पानी में क्लोरीनीकरण के निर्देश

पीने के पानी में क्लोरीनीकरण के निर्देश

उन्होंने राज्य में मलेरिया और डेंगू के प्रकोप के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए स्वयंसेवी संगठनों, धार्मिक संगठनों, निजी ट्रस्टियों के अस्पतालों से भी आग्रह किया। इसके साथ ही, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पीने के पानी में क्लोरीनीकरण के काम को अधिक व्यापक बनाने के निर्देश दिए गए।

यह भी पढ़ें: बीवी को बाजार में खरीदारी करते देख पति ने दिया 3 तलाक, कहा मेरी मर्जी के बिना क्यों आईयह भी पढ़ें: बीवी को बाजार में खरीदारी करते देख पति ने दिया 3 तलाक, कहा मेरी मर्जी के बिना क्यों आई

Comments
English summary
After heavy rains, Gujarat faces Malaria and dengue threats
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X