चुनाव के बाद सरकार गुजरात में किसानों को 10 घंटे बिजली देने से पलटी, संगठन बोले- दे दिया धोखा
Gujarat News, गांधीनगर। गुजरात में राज्य सरकार ने लोकसभा चुनावों से पहले किसानों को 10 घंटे बिजली देना शुरू कर दिया था। मगर, अब बिजली आपूर्ति में अचानक कटौती कर दी गई। किसानों को अब 10 घंटे नहीं, बल्कि 8 घंटे ही बिजली दी जा रही है। गुजरात किसान समाज संगठन ने इस पर आपत्ति जताते हुए 'किसानों के साथ भाजपा सरकार का धोखा' करार दिया है।
गुजरात किसान समाज के अध्यक्ष जयेश पटेल का कहना है कि अप्रैल के दूसरे सप्ताह से किसानों को 10 घंटे बिजली मिल रही थी। किसानों को चुनाव खत्म होने के बाद पर्याप्त बिजली देने की जरूरत थी। किंतु 11 मई से किसानों को 8 घंटे बिजली दी जा रही है, जो कि 2 घंटे कम मिल रही है। उन्होंने आगे कहा कि, गुजरात में सिंचाई के पानी की कमी है। किसानों को धोखा दिया जा रहा है। बाजार में नक़ली बीज बेचे जा रहे हैं। फसल उत्पादन के लिए पर्याप्त बाज़ार नहीं है। विभिन्न समस्याओं के कारण आज के समय में खेती करना मुश्किल है, जहाँ अब बिजली अपर्याप्त हो रही है, जिसके कारण किसानों को ट्यूबवेल से पानी नहीं मिल पा रहा है।
पानी
के
लिए
भी
मची
हुई
है
किल्लत
पर्याप्त
बिजली
न
मिल
पाने
का
असर
गुजरात
में
किसानों
को
पानी
के
संदर्भ
में
भी
पड़
रहा
है।
गुजरात
किसान
समाज
संगठन
के
मुताबिक,
सरकार
की
कृषि
विरोधी
नीति
के
कारण
किसान
सरकार
से
नाराज़
हैं।
अगला
मानसून
अगर
ठीक
नहीं
रहा
तो
गुजरात
के
किसानों
पर
भारी
बोझ
आ
सकता
है।
इस
वर्ष
गुजरात
के
बांधो
में
कम
वर्षा
के
कारण
पानी
नहीं
है
और
किसानों
के
लिए
सिंचाई
के
पानी
को
सरकार
ने
रोक
दिया
है।
ट्यूबवेल-बोरवेल
के
आधार
पर
खेती
करने
वाले
किसानों
के
लिए
अब
खेती
करना
मुश्किल
हो
गया
है।
किसान
दस
घंटे
बिजली
के
बिना
बोरवेल
से
पानी
ले
नहीं
सकता
है।
वहीं,
पानी
के
बिना
कृषि
पैदावार
पर
भी
प्रभाव
पड़ेगा।