अहमदाबाद निवासी के नाम से सिम निकालकर खाते से उड़ाए 82 लाख, झारंखड से गिरफ्तार हुआ सायबर लुटेरा
गांधीनगर। अहमदाबाद के निवासी का फर्जी दस्तावेज से अपने मोबाइल फोन में नया सिम कार्ड डालने के बाद उनके बैंक खाते से 82 लाख हड़प करने के केस में शहर पुलिस ने झारखंड के एक शख्स को गिरफतार कर लिया है। अहमदाबाद पुलिस ने पिछले सप्ताह एक नाइजीरियन गिरोह को पकड़ लिया था जिसके आठ आरोपी अभी रिमांड पर हैं। इस गिरोह के साथ गुजरात ही नहीं देश के अन्य राज्यों के लोग भी शिकार हो चुके हैं। इस गिरोह के पास 430 से ज्यादा लोगों के बैंक अकाउंट की डिटेल है। पुलिस छानबीन कर रही थी, तब शहर का शाहीबाग का और एक केस सामने आया है।
नाइजीरियन गिरोह शामिल
शाहीबाग के शिकायतकर्ता ने अपने बेंक खाते से 82 लाख रूपये गंवाये हैं। शिकायत के बाद शाहीबाग पुलिस स्टेशन ने छापेमारी की और झूठे दस्तावेजों से मोबाइल फोन का जो सिम डाला हुआ था उसको जब्त कर लिया गया है। शहर सायबर क्राइम सेल ने झारखंड से फर्जी सिम कार्ड के साथ संजय प्रकाश उपाध्याय को गिरफ्तार किया है।
संजय उपाध्याय गिरफ्तार
आरोपी बैंक से लिए गए 40 लाख के कर्ज का भुगतान नहीं करने पर 2017 में चेक बाउंस के मामले में जमशेदपुर जेल में था जहां उसकी पहचान मामले के मुख्य आरोपी विकास शॉ और मैथिन सिकरवार से हुई। जेल से बाहर आने के बाद, उसने लोगों के बैंक खाते से इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से पैसा कमाने का फैसला किया। विकास ने सिम रिप्लेसमेंट का काम सिखाया कि इसे विभिन्न मोबाइल स्टोर में कैसे उपयोग और रिप्लेस किया जाता है। बाद में संजय प्रकाश अहमदाबाद, वडोदरा और सूरत में फर्जी दस्तावेंजो से सिमकार्ड लेने आता था।
हैकरों का कारनामा
नाइजीरियाई हैकर को भारत में विभिन्न बैंक खाता धारक सूचनाओं से ईमेल प्राप्त हो रहा था। कंप्यूटर को हैक करने के बाद किसी व्यक्ति की यूजर आईडी और पासवर्ड प्राप्त करके बैंक खाते की जानकारी प्राप्त हो जाती थी। नाइजीरियन हैकर ने विकास को फर्जी दस्तावेज भेजे थे। बाद में विकास ने संजय प्रकाश को शाहीबाग के शिकायत कर्ता का नाम, पता. आईडी कार्ड और अन्य दस्तावेज भेजे थे। संजय ने इस दस्तावेजो के आधार पर नया सिम प्राप्त कर विभिन्न व्यक्तियों के माध्यम से बैंक खाते प्राप्त करने के अलावा उनकी बैंक डिपोजिट हस्तांतरित करता था।