बेटों की प्रताडना से तंग 80 साल की मां सिपाहियों से बोली- "साहब! मुझे जिंदा रहने दो या ज़हर देकर मार दो"
गांधीनगर। गुजरात के महेसाणा जिले में दो बेटों जुल्म से तंग एक 80 वर्षीय मां ने पुलिस से न्याय की गुहार लगाई। थाने में जब उसने अपनी पीड़ा बताई तो सिपाहियों ने संवेदनहीनता का परिचय दिया। सिपाहियों ने उससे कहा कि जमानतदार लाओ, तब बात करो। जबकि, वृद्धा रोते हुए यही कहती रही कि अब किससे अपनी बात कहूं? वृद्धा ने यह भी कहा कि साहब! मुझे जिंदा रहने दो या जहर देकर मार दो!"
संवाददाता के अनुसार, यह मामला विजापुर तहसील के देवड़ा गांव का है। यहां 80 वर्षीय सीता बेन रणछोड़ भाई बारोट के पति की मौत 2004 में हो गई थी। उनकी मौत के 2 साल बाद उनके बेटों ने सीता बेन रणछोड़ भाई बारोट को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। उनके दो बेटे हैं, मगर दोनों ने ही साथ रखने से इंकार कर दिया। वह अकेले ही रहने लगी। मगर, फिर बेटे उसकी जमीन हथियाने में जुट गए। सीता बेन रणछोड़ भाई बारोट के पास 6 बीघा जमीन थी। उन दोनों बेटों ने जमीन के कागजात पर सीता बेन रणछोड़ भाई बारोट का अंगूठा लगवाने के लिए दवाब डाला। बचने के लिए सीता बेन रणछोड़ भाई बारोट ने महेसाणा महिला सहायता केंद्र में पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई।
बेटों के अत्याचार से मुक्त करने की बजाए, पुलिस ने सीता बेन को जमानतदार लाने के लिए कहा। बाद में सीता बेन डीवायएसपी मंजिता वणजारा के पास गई। मंजिता वणजारा ने उसे न्याय दिलाने का आश्वासन दिया।
पढ़ें: बच्ची के साथ दुष्कर्म के दोषी मौसा को भुगतनी होगी ताउम्र जेल, मां का हाल-चाल लेने आता था घर