तस्करों के लिए सेफ जोन बना गुजरात, पकड़ी गई 7 हजार करोड़ की ड्रग्स
गांधीनगर। गुजरात में एटीएस के डीआईजी हिमांशु शुक्ला ने खुलासा किया है कि पंजाब की सीमा पर बढ़ती हिंसा और पाकिस्तान के साथ एलओसी व्यापार को रद्द करने से गुजरात तट का उपयोग कर नशीले पदार्थों की तस्करी में वृद्धि हुई है। यहां पाँच अलग-अलग घटनाओं में 7,000 करोड़ रुपये के मूल्य की ड्रग्स को जब्त किया गया है। शुक्ला ने यह भी कहा कि राज्य विगत दो वर्षों में एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी पारगमन केंद्र के रूप में उभरा है।
एटीएस ने नारकोटिक्स जब्त किया
लंबे समय के बाद गुजरात राज्य तस्करी गतिविधि के लिए एक सेंटर में बदल गया है। यहां 80 और 90 के दशक में, ओखा, सलाया, टूना और मांडवी के करीब समुद्री मार्गों का उपयोग सोने, इलेक्ट्रॉनिक सामान और यहां तक कि विस्फोटक की तस्करी के लिए किया जाता था। बहरहाल, गुजरात एटीएस ने इन्हीं मार्गों से नारकोटिक्स जब्त किया है।
तस्करी के प्रयासों में वृद्धि हुई
होर्मुज की खाड़ी में संयुक्त टास्क फोर्स-150 के तहत अमेरिका द्वारा निगरानी बढ़ाई गई है। इसके अलावा, श्रीलंकाई नौसेना की कड़ी चौकसी है जो तस्करों को देखते ही गोली मार देती है। सूत्रों ने कहा कि लिट्टे तस्करी नेटवर्क के टूटने के साथ-साथ हाल ही में गुजरात मार्ग का उपयोग कर तस्करी के प्रयासों में वृद्धि हुई है।
तटीय जल के माध्यम से हुई तस्करी
अन्य कारणों के अलावा, गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने निगरानी तेज बनाई है क्योकि, 2022 में दोहा, कतर में होने वाले फीफा विश्व कप में कुछ फुटबॉल प्रशंसकों से अपेक्षित दवाओं की मांग को बढ़ाया है। कुछ लोंग गुजरात के तटीय जल के माध्यम से नशीली दवाओं की तस्करी कर रहे हैं। एटीएस की उन पर नज़र है।
2022 में फुटबॉल इवेंट को लेकर सतर्क
गुजरात एटीएस के सूत्रों ने कहा कि, 2022 में फुटबॉल इवेंट के करीब आने और सिक्योरिटी बढ़ाने की आशंका के चलते कुछ लोग पहले से ही नशीली दवाई का स्टॉक करने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, साथ ही एटीएस को संदेह है कि वे भारत को पश्चिम एशिया के लिए पारगमन मार्ग के रूप में उपयोग करने की कोशिश कर रहे हैं जो पहली बार फीफा कार्यक्रम की मेजबानी करेगा।
दो कारों से 24 किलो ब्राउन शुगर पकड़ा
गुजरात एटीएस के अधिकारियों ने अपनी जांच में, अफगानिस्तान में अफीम के 61% अधिशेष उत्पादन की हालिया संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसके कारण गुजरात में तस्करी बढ़ सकती है। एटीएस का दावा है कि अब तक की सबसे तस्करी की कोशिशों को नाकाम कर दिया है। गुजरात तट के किनारे हाल की घटनाओं के पहले 17 जनवरी, 2003 में सूरत शहर की पुलिस ने दो कारों से 24 किलो ब्राउन शुगर पकड़ा था। यह कुख्यात ड्रग तस्कर अयूब कसम अजमेरी द्वारा कोयम्बटूर और केरल होते हुए श्रीलंका के लिए आगे के परिवहन के लिए भेजा गया था।
सतर्कता बढ़ाने के प्रयास जारी
गुजरात में 33,000 से अधिक ट्रॉलर, मछली पकड़ने वाली नावें पंजीकृत हैं, जिससे राज्य के अधिकारियों के लिए उनकी गतिविधियों पर कड़ी नज़र रखना मुश्किल काम है। केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के सूत्रों ने कहा कि अन्य देशों के साथ सूचनाओं के आदान-प्रदान और मछुआरों के समुदाय के आदान-प्रदान से सतर्कता बढ़ाने के प्रयास जारी हैं।