नकली नोटों का गढ़ बन चुका है गुजरात, देश में पकड़ी गई कुल फेक करंसी का 32% यहीं मिला
गांधीनगर. नोटबंदी हो जाने के बावजूद भी देश में नकली नोट बड़ी संख्या में मिल रहे हैं। यहां सबसे ज्यादा नकली नोट गुजरात में जब्त हुए। वर्ष 2017 में देशभर में जितने नकली नोट जब्त हुए थे, उनमें से 32% अकेले गुजरात से पकड़े गए थे। इसके बाद देश की राजधानी दिल्ली दूसरे नंबर पर रही। देश में 50% से ज्यादा नकली नोट इन्हीं दोनों राज्यों से जब्त हुए हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने 2016 में पहली बार नकली नोटों से जुड़े मामलों को अपनी रिपोर्ट में शामिल किया था। जिसके उपरांत पाया गया कि वर्ष 2017 के दौरान देशभर से 28 करोड़ रुपए से भी ज्यादा कीमत के नकली नोट जब्त हुए। इन नोटों संख्या 3.56 लाख से ज्यादा थी।
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एक करोड़ रुपए की कीमत की फेक करंसी जब्त
हाल ही गुजरात में पुुलिस ने एक निर्माणाधीन मंदिर में छापा मारकर नोट छाप रहे गिरोह को पकड़ा था। गिरोह के सदस्य खेडा स्थित स्वामीनारायण मंदिर से जुड़े थे, जो नकली नोटों की हेरा-फेरी में लिप्त पाए गए। क्राइम ब्रांच ने उनके पास से करीब एक करोड़ रुपए की कीमत के नकली नोट बरामद किए हैं। ये नोट 2 हजार रुपए वाले थे, जिनकी संख्या 5013 थी। पुलिस ने आरोपियों को पकड़कर उनसे पूछताछ शुरू कर दी। पता चला कि इन नोटों की गुजरात में ही छपाई होती थी।
थैलों में नकली नोटों की हेराफेरी कराई जाती थी
पुलिस ने बताया कि नोट और प्रिंटर के साथ राधारमण स्वामी नामक साधु और 4 अन्य लोग पकड़े गए हैं। नकली नोटों से संबंधित शिकायत मिलने पर देर रात एक युवक पुलिस के हत्थे चढ़ा था। तब पता चला कि मंदिर के राधारमण स्वामी इस गैंग में शामिल हैं। स्वामी द्वारा प्रसाद के थैलों में नकली नोटों की हेरा-फेरी कराई जाती थी।
गिरोह कब से कर रहा था नकली नोटों की छपाई?
क्राइम ब्रांच ने ठासरा गांव पहुंचकर उस स्वामी को हिरासत में लिया। तलाशी लेने पर वहां से कलर प्रिंटर और तकरीबन 1 करोड़ की नकली नोटें बरामद हुईं। साथ ही कारोबार में जुड़े अन्य लोगों को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इस स्वामी का नेटवर्क कहां तक फैला है और उसने कब से यह कारोबार शुरू किया, इसकी जानकारी जुटाई जा रही है।
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