गुजरात में 2.57 करोड़ लोगों के पास पैनकार्ड, लेकिन रिटर्न फाइल करने वाले 71.41 लाख ही
गांधीनगर। गुजरात में पैनकार्ड की संख्या में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन आयकर रिटर्न की संख्या में 7.50 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है। इसके पीछे कारण यह बताया जा रहा है कि लोगों ने पैनकार्ड तो लिया है, लेकिन रिटर्न फाइल नहीं किया है। केंद्र सरकार ने पैनकार्ड के लिये देशभर में मुहिम शुरू की थी, तब से राज्य में पैनकार्ड धारकों की संख्या बढ़ रही है। पिछले साल पैनकार्ड धारकों की संख्या 2.32 करोड़ थी जो इस वर्ष बढकर 2.57 करोड़ हो चुकी है। राज्य में 2017-18 में 71.41 लाख आइटीआई फाइल किये गये थे, लेकिन 2018-19 में 66.05 लाख फाइल किये गये हैं। रिटर्न फाइल करने के लिये आयकर विभाग सूचनायें देता है लेकिन कई ऐसे करदाता हैं जो समय पर रिटर्न फाइल नहीं कर रहे हैं।
यह जानकारियां केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सितारामन ने राज्यसभा के सांसद परिमल नथवाणी द्वारा उठाये गये प्रश्नों के जवाब में दीं। गुजरात के प्रत्यक्ष कर राजस्व में मंत्री के बयान अनुसार, 2018-19 में 9.3 प्रतिशत वृद्धि हुई है। गुजरात से प्रत्यक्ष कर राजस्व की राशि वित्त वर्ष 2017-18 में 44466.66 करोड रुपये से बढकर 2018 में 49021.69 करोड़ हो चुकी है।
नथवानी ने गुजरात में पिछले तीन वर्षों में पंजीकृत पैन धारकों की संख्या, आईटीआर की संख्या, आयकर की राशि एकत्र की और खोज व बरामदगी के बारे में जानना चाहा। तब मंत्री ने यह भी कहा कि जांच के लिए चुने गए पैन की संख्या क्रमशः पिछले तीन वित्तीय वर्षों में 25,291, 26,807 और 29,085 थी और आयकर विभाग के अहमदाबाद डिवीजन में खोजे गए समूहों की संख्या पिछले तीन वित्तीय वर्षों के लिए 79, 29 और 31 थी।
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